योजना का दुरूपयोग: घर में दो-दो हाइवा, फिर भी ले लिया चार पीएम आवास Dhanbad News
जांच में यह बात भी सामने आई है कि संबंधित लाभुक आर्थिक रूप से कमजोर नहीं बल्कि सभी सुविधाओं से संपन्न हैं। नगर आयुक्त के अनुसार इनके घर में दो-दो हाइवा है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: नगर निगम को धोखे में रखते हुए वार्ड संख्या 49 डिगवाडीह के एक ही परिवार के चार लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ ले लिया। नगर आयुक्त के पास शिकायत पहुंचने पर इसकी जांच की गई तो मामला सही पाया गया, लिहाजा निगम के पदाधिकारियों की जांच रिपोर्ट के आधार पर नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप ने चारों आवास रद कर दिया है।
सिर्फ यही नहीं संबंधित लाभुकों के खाते में भेजी गई प्रथम किस्त (45 हजार) की राशि भी वसूलने का निर्देश दिया है। इसके लिए निगम पदाधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया है। इस पूरे प्रकरण में संलिप्त दोषियों पर भी नगर आयुक्त ने गाज गिराई है। जेई शिवकुमार का तत्काल वेतन रोकते हुए शोकॉज किया गया है। जांच में यह बात भी सामने आई है कि संबंधित लाभुक आर्थिक रूप से कमजोर नहीं, बल्कि सभी सुविधाओं से संपन्न हैं। नगर आयुक्त के अनुसार इनके घर में दो-दो हाइवा है, बावजूद सभी ने योजना का लाभ ले लिया।
इन्होंने कराया आवास आवंटित
- मीना सिंह, पति सुरेश सिंह
- परमा देवी, पति अर्जुन सिंह
- मिथुन सिंह, पिता लक्ष्मण सिंह
- मुकेश सिंह, पिता लक्ष्मण सिंह
ऐसे हुआ खुलासा
वार्ड संख्या 49 के डिगवाडीह काली मंदिर के समीप लक्ष्मण सिंह का आवास है। इनके परिवार के चार सदस्यों ने प्रधानमंत्री आवास का आवंटन करा लिया। नियमानुसार लाभुक की वार्षिक आय तीन लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए और पक्का मकान भी नहीं होना चाहिए। दरअसल तीन नंबर डुमरी जामडोबा के एक व्यक्ति ने नगर आयुक्त को लिखित आवेदन देकर कहा कि एक ही परिवार से अवैध तरीके से पीएम आवास योजना का लाभ ले लिया है। सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं और इनके पास पक्का मकान भी है। शिकायत में यह भी कहा है कि इनमें से दो सदस्यों के पास हाइवा ट्रक भी है। इसमें निगम के जेई शिवकुमार की भी संदिग्ध भूमिका है। इस आवेदन के आधार पर में नगर आयुक्त ने टीम गठित कर जांच कराई तो मामला सही मिला।
जेई की सेवा खत्म करने की होगी अनुशंसा: इस बारे में धनबाद के नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप ने कहा कि गलत जानकारी देकर एक ही परिवार के चार सदस्यों के नाम पर पीएम आवास का लाभ ले लिया गया। मामला सही है, सभी का आवास अस्वीकृत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रथम किस्त की राशि रिकवर करने का निर्देश दिया गया है। जेई शिवकुमार की भी संदिग्ध भूमिका है। उनका वेतन भी रोकते हुए स्पष्टीकरण पूछा गया है। नगर विकास विभाग से जेई की सेवा खत्म करने की अनुशंसा की जाएगी।