खदान के चानक का पुल्ली चक्का टूटने से मजदूर की माैत, परिजनों ने किया हंगामा Dhanbad News
पुल्ली टूटते ही जोरदार आवाज के साथ समरसेबुल मशीन खदान में जा गिरी। उसके वजन से क्रेन का हैंडल काफी तेजी से घूमने लगा और रामाशीष उसकी चपेट में आ गया।
धनबाद/पुटकी, जेएनएन। बीसीसीएल की पुटकी बलिहारी क्षेत्र के पानी भरे अरलगडिय़ा खदान में मंगलवार रात करीब पौने नौ बजे हुई दुर्घटना में एक ठेका श्रमिक रामाशीष पासवान (48 वर्ष) की मौत हो गई, वहीं बीसीसीएल कर्मी सूर्याप्रसाद महतो गंभीर रूप से घायल हो गए। वहां काम कर रहे करीब चार दर्जन मजदूर हादसे में बाल-बाल बच गए। घटना के बाद गंभीर रूप से घायल सूर्याप्रसाद महतो को सेंट्रल अस्पताल जगजीवन नगर में भर्ती कराया गया है। घटना को लेकर अन्य ठेका श्रमिकों को रोष व्याप्त है। उन्होंने घटनास्थल पर जमकर हंगामा भी किया।
बताते चलें कि अरलगडिय़ा छह नंबर पीट खदान में बीते पांच अक्टूबर से पानी भरा है। पानी निकालने के लिए पिछले कई दिनों से वहां समरसेबुल पंप लगाया जा रहा था। इसी कड़ी में मंगलवार की शाम करीब सात बजे कंपनी कर्मी और ठेका श्रमिक मानव चलित क्रेन से भारी भरकम समरसेबुल मशीन को पाइप समेत खदान में उतार रहे थे। तभी चानक का पुल्ली चक्का टूट गया। इससे मानव चलित क्रेन अनियंत्रित हो गया। चक्का चला रहे रामाशीष पासवान और सूर्याप्रसाद महतो उसकी चपेट में आकर जख्मी हो गए। आनन-फानन में दोनों को केंद्रीय अस्पताल जगजीवन नगर में भर्ती कराया गया। यहां चिकित्सकों ने रामाशीष को मृत घोषित कर दिया।
असुरक्षित तरीके से हो रहा था काम : मजदूरों ने बताया कि खदान करीब 500 फीट गहरी है। हाथ से चलने वाली क्रेन के माध्यम से समरसेबुल को खदान में उतारा जा रहा था। इसके लिए ऊपर पुल्ली के सहारे जंजीर के माध्यम से मशीन को खदान में धीरे-धीरे नीचे उतारा जा रहा था। रामाशीष अकेले ही क्रेन के हैंडल को घुमा रहा था। जबकि अन्य लोग रस्सा आदि और पाइप पर काम कर रहे थे। एक समरसेबुल मशीन 25 पाइप के साथ जुड़ी होती है। प्रत्येक पाइप 20 फीट की होती है। इस सब का वजन एक लोहे की पुल्ली पर थी। तभी अचानक पुल्ली टूट गई। पुल्ली टूटते ही जोरदार आवाज के साथ समरसेबुल मशीन खदान में जा गिरी। उसके वजन से क्रेन का हैंडल काफी तेजी से घूमने लगा और रामाशीष उसकी चपेट में आ गया। मजदूरों ने बताया कि करीब 50 ठेका मजदूर और बीसीसीएल कर्मी वहां काम कर रहे थे। फीटर के रूप में सूर्याप्रसाद महतो भी तैनात था। पुल्ली के वजन सहने की क्षमता का आंकलन कोई नहीं कर पाया था।
घटना के बाद से ठेकेदार नदारद : इस्लाम नामक व्यक्ति ने अरलगडिय़ा में मशीन लगाने के लिए मजदूर उपलब्ध कराया था। घटना के बाद इस्लाम ना तो घटनास्थल पर गया और ना ही अस्पताल पहुंचा था। उसके नहीं आने को लेकर श्रमिक आक्रोशित थे।
दहाड़ मारकर रो रहे थे परिजन : घटना के बाद मृतक रामाशीष की पत्नी और बेटी केंद्रीय अस्पताल पहुंची थीं। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने जमीन पर बैठ कर दोनों दहाड़ मार कर रो रही थी। रोते वक्त पत्नी ने कहा कि कोई अभी तक उनकी मदद को नहीं पहुंचा है। उनका घर परिवार आगे कैसे चलेगा। हालांकि काफी देर तक मौजूद श्रमिकों ने उन्हें समझाया और घर भेजा।