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बाजार शुल्क को वापस नहीं लेने पर भड़के व्‍यापारी, धनबाद में आज से आलू, प्याज व खाद्यान्‍न की आवक हुई ठप

राज्‍य की हेमंत सरकार यहां दो प्रतिशत बाजार शुल्‍क लगाने पर जोर दे रही है। इधर व्‍यापारी इसका विरोध कर रहे हैं। व्‍यापारियों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा दो प्रतिशत बाजार शुल्क लागू किया गया तो इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पढ़ेगा।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 03:19 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 03:19 PM (IST)
बाजार शुल्क को वापस नहीं लेने पर भड़के व्‍यापारी, धनबाद में आज से आलू, प्याज व खाद्यान्‍न की आवक हुई ठप
व्‍यापारियों का कहना है कि इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पढ़ेगा।

संवाद सहयोगी, झरिया: धनबाद जिले में खाद्यान्‍न की आपूर्ति धनबाद की कृषि बाजार समिति की थोक मंडियों से की जाती है। राज्‍य की हेमंत सरकार यहां दो प्रतिशत बाजार शुल्‍क लगाने पर जोर दे रही है। इधर, व्‍यापारी इसका विरोध कर रहे हैं। व्‍यापारियों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा दो प्रतिशत बाजार शुल्क लागू किया गया तो इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पढ़ेगा।

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बाजार समिति शुल्क के विरोध में बाजार समिति के व्यापारियों ने सोमवार से आलू, प्याज व खाद्यान्‍न की आवक ठप करने का निर्णय लिया है। व्‍यापारियों का कहना है कि राज्य की जनता के हितों को देखते हुए पूर्ववर्ती भाजपा की रघुवर सरकार ने यहां कृषि बाजार शुल्क को हटा दिया था। वही हेमंत सोरेन की सरकार के समय में इसे लागू करने की कोशिश की जा रही है, जिसका जिले से लेकर राज्य की राजधानी तक के व्यापारी विरोध कर रहे हैं। धनबाद जिला खाद्यान्‍न व्यवसायी संघ के जिला महासचिव विकास कंधवे का कहना है कि पड़ोसी राज्य जैसे बिहार, ओडिशा, बंगाल कहीं पर भी खाद्यान्‍न, फल, सब्जी, अंडा व मछली पर कृषि उत्पादन बाजार शुल्क लागू नहीं है। झारखंड में बाजार शुल्क लागू होने से इसका सीधा असर मंडियों पर पड़ेगा। वहीं आम उपभोक्ता भी इससे प्रभावित होंगे। व्यापारियों का कहना है कि बाजार शुल्क लागू होने से इंस्पेटर राज बढ़ेगा। इसी को देखते ही भाजपा की रघुवर सरकार ने इसे हटा दिया गथा।

16 अप्रैल को व्यापारियों ने सरकार को दिया था एक माह का अल्टीमेटम: व्यापारियों ने बताया कि दो प्रतिशत कृषि बाजार शुल्क हटाने को लेकर हेमंत सोरेन सरकार को बीते 16 अप्रैल को एक माह का अल्टीमेटम दिया गया था। एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं मिला है। लिहाजा सरकार के निर्णय के विरुद्ध आवक ठप करने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल प्रतिष्ठान व रास्ते में जो भी माल बचा है, उसे बेचने के बाद जिले में खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं होने से जो भी समस्या आम लोगों को होगी, उसकी जवाबदेही सरकार की होगी। धनबाद के व्‍यापारियों का कहना है कि हेमंत सरकार मंहगाई बढ़ा रही है, जिससे सभी वर्ग के लोग परेशान हो जाएंगे।


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