AIIMS Deoghar OPD: इलाज के लिए निर्धारित संख्या से ज्यादा जुटने लगे मरीज, लिमिट को लेकर गोड्डा सांसद ने कह दी बड़ी बात
एम्स देवघर के ओपीडी का उद्घाटन 24 अगस्त हो हुआ था। इसके बाद से मरीजों का मेला लगा हुआ है। झारखंड के साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल से यहां मरीज आ रहे हैं। प्रतिदिन 200 मरीजों की जांच की संख्या निर्धारित है। इसमें अब वृद्धि की जाएगी।
जागरण संवाददाता, देवीपुर( देवघर)। एम्स देवघर के ओपीडी का उद्घाटन 24 अगस्त को हुआ था। इसके बाद से यहां हर रोज मरीजों का मेला लग रहा है। देवघर के साथ ही झारखंड के अन्य जिलों से मरीज तो आ ही रहे हैं, पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल से भी मरीज पहुंच रहे हैं। इससे मरीजों के इलाज और जांच के लिए निर्धारित संख्या 200 कम पड़ने लगी है। इससे ज्यादा की संख्या में मरीज पहुंच जा रहे हैं। फिलहाल मरीजों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था ऑनलाइन नहीं है। इस कारण सुबह तीन बजे के बाद ही काफी संख्या में मरीज ओपीडी कैंपस में प्रवेश कर लाइन लगा दे रहे हैं। पुरुष और महिला एक ही कतार में खड़े हो रहे हैं।। इससे अव्यवस्था भी आ उत्पन्न हो रही है। इसके मद्देनजर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि जल्द ही ओपीडी में निर्धारित संख्या को बढ़ाकर 500 की जाएगी।
कोविड की वजह से अभी केवल 200 मरीजों को देखा जा रहा है. जिससे भीड़ लग जाती है. लेकिन जल्द ही यह संख्या 500 हो जाएगी और दिक्कतें काफ़ी हद तक खत्म हो जाएंगी. pic.twitter.com/kjhzQp4SiX
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) September 2, 2021
मरीज नहीं बरत रहे सावधानी
सबसे बड़ी बात यह है कि लोग सावधानी नहीं बरत रहे हैं। अधिकांश लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं दिखता है। पूछने पर पता चलता है कि सर्दी-खांसी के बहाने एम्स घूमने वालों की तादाद बढऩे लगी है। जिस कारण गंभीर रूप से बीमार मरीज एम्स के मुख्य द्वार से ही लौट जाते हैं। बुधवार को सुबह तीन बजे एम्स का गेट खोले जाने पर एनकेजी के सुरक्षा गार्ड खासे नाराज दिखे। कहा बीमारी के बहाने असामाजिक तत्व घुसकर चोरी की घटना को अंजाम दे सकते हैं, क्योंकि अभी निर्माण कार्य चल रहा है। अप्रिय घटना हो सकती है। जिसके लिए रात को गेट नहीं खोलना चाहते हैं।
एम्स में कर्मियों की बहाली में स्थानीय को मिले प्राथमिकता
जिला परिषद अध्यक्ष सह कार्यकारिणी समिति प्रमुख रीता देवी ने कहा कि देवघर के एम्स में तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की बहाली में जिले वासियों को प्राथमिकता मिले। नजर अंदाज किया गया तो शिक्षित बेरोजगारों के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन होगा। बुधवार को वह अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस प्रतिनिधियों से कहा कि सबसे पहले विस्थापित युवकों को एम्स की नौकरी में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने एम्स स्थापना में जमीन देकर अहम भूमिका अदा की है। इसके बाद पूरे जिले वासियों का अधिकार है कि उन्हें तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की बहाली में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इस मुद्दे को लेकर जल्द ही एम्स प्रबंधन से बातचीत की जाएगी। सूचना मिल रही है कि हास्पिटल अटेंडेंट, सफाई कर्मी, ड्रेसर, फार्मासिस्ट समेत अन्य पदों के लिए यहां नियुक्ति होनी है। आउटसोर्सिंग कंपनियां पैसे का लेनदेन कर नौकरी देने का प्रलोभन दे रही है। यह बर्दाश्त नहीं होगा। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व स्वास्थ्य मंत्री से की जाएगी। जरूरत पड़ी तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर बात की जाएगी। समाधान नहीं हुआ तो जिले भर के शिक्षित बेरोजगार सड़क पर उतरेंगे। समर्थन में वह भी उनके साथ आंदोलन करेंगी।