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अब लोकसभा पहुंचा पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन का मामला

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी के बाद अब गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन निर्माण मामले में संजीदगी दिखाई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 11:05 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 11:05 PM (IST)
अब लोकसभा पहुंचा पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन का मामला
अब लोकसभा पहुंचा पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन का मामला

धनबाद : केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी के बाद अब गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन निर्माण मामले में संजीदगी दिखाई है। उन्होंने नोटिस अंडर रूल 377 के तहत इस मामले को लोकसभा तक पहुंचा दिया है। सांसद ने कहा है कि गिरिडीह जिले का मधुबन जैन तीर्थयात्रियों का शीर्ष तीर्थ स्थल है जहां हर साल बड़ी संख्या जैन तीर्थ यात्री वंदना करने आते हैं।

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पिछले तीन वर्षाें में तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार घटने के कारण अब क्षेत्र में रोजी-रोटी की समस्या बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र को रेल नेटवर्क से जोड़ने पर तीर्थ यात्रियों को पहुंचने में सहूलियत होगी। उनकी संख्या बढ़ने से रोजगार भी मिलेगा और रेलवे को भी अच्छी आमदनी होगी। मधुबन तक पहुंचने में हो रही असुविधा के कारण कम आ रहे हैं तीर्थ यात्री : भारत सरकार ने 2018-19 के बजट में ही पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी थी। इस परियोजना के तहत पारसनाथ स्टेशन से मधुबन होकर गिरिडीह तक रेल लाइन बिछाने की योजना थी। प्रोजेक्ट की संभावित लागत 902 करोड़ 86 लाख रुपये था। मार्च 2019 में शिलान्यास होने से स्थानीय लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि अब सीधी रेल सेवा शुरू होने से तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, जिससे रोजगार भी बढ़ेगा। पर तीन वर्षाें में रेल लाइन परियोजना का काम शुरू नहीं हो सका, क्योंकि फंड उपलब्ध नहीं कराया गया। इससे स्थानीय लोगों में रोजी-रोटी का संकट होने लगा है क्योंकि असुविधा होने की वजह से तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार कम हो रही है। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी रेलमंत्री को पत्र भेजकर फंड उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। अब गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश ने मामला संसद तक पहुंचाने की पहल की है। माना जा रहा है कि इस परियोजना को शुरू करने के लिए फंड की स्वीकृति मिल जाएगी।


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