अब रेलवे नहीं बनाएगा साउथ साइड एप्रोच रोड, जाम में फंसा रहेगा धनबाद Dhanbad News
धनबाद शहर के बीचों-बीच हावड़ा-गया-दिल्ली रेल लाइन गुजरती है। धनबाद रेलवे स्टेशन के नजदीक एक सकरा रेल पुल से ही शहर के इस पार से उस पोर आवागमन होता है।
धनबाद, जेएनएन। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है और न ही की जाएगी लेकिन धनबाद रेल मंडल प्रबंधन ने धनबाद रेलवे स्टेशन के दक्षिण साइड से एप्रोच रोड निर्माण के काम को ठंडे बस्ते में डाल का निर्णय लिया है। रेलवे के अधिकारियों ने धनबाद के जनप्रतिनिधियों के असहयोगात्मक रैवये से परेशान होकर एप्रोच रोड निर्माण से हाथ खींचने का मन बनाया है। अगर ऐसा होता है कि धनबाद शहर को जाम से निकालने की थोड़ी बहुत उम्मीद की जो किरण दिख रही थी वह समाप्त हो जाएगी। धनबाद शहर जाम में ही फंसा रहेगा।
एक-दूसरे को नीचा दिखाने में पीछे छूट गई विकास की राजनीति
रेलवे की तरफ से धनबाद स्टेशन के दक्षिण साइड निकास द्वार से झरिया पुल होते हुए बैंक मोड़ तक एप्रोच रोड का निर्माण कराया जा रहा था। यह रोड डीएवी स्कूल ग्राउंड के बीच से निकल रहा था। इसी को आधार बनाकर विरोध की राजनीति शुरू हुई। हालांकि डीआरएम अनिल कुमार मिश्र ने आश्वासन दिया था कि वे स्कूल से सटे पुरानी सड़क और निर्माणाधीन सड़क की बीच की जमीन पर चाहरदिवारी निर्माण कर स्कूल के लिए खेल का मैदान बनवा देंगे। लेकिन, धनबाद के जनप्रतिनिधियों की आपसी लड़ाई और एक-दूसरे को नीचा दिखाने के खेल में मामला इतना आगे चला गया कि विकास की राजनीति पीछे छुट गई। जनता के दुख-दर्द का किसी को भान ही नहीं रहा। विरोध में धरना-प्रदर्शन हुआ। मामला हाई कोर्ट तक गया। इससे धनबाद रेल मंडल के अधिकारियों ने खिन्न होकर सड़क निर्माण से हाथ खींच लेने का ही मन बना लिया है।
हाई कोर्ट ने दिया उचित निर्णय लेने का आदेश
डीएवी स्कूल मैदान मामले को लेकर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनकर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि रेलवे इस मामले में उचित निर्णय ले। इसके साथ ही मामले को निष्पादित कर दिया। डीएवी स्कूल मैदान की लीज को लेकर स्कूल प्रबंधन और रेलवे के बीच तनाव चल रहा है। रेलवे ने लीज रिन्यूअल नहीं कराने का हवाला देकर मैदान को कब्जे में लिया और उस पर सड़क निर्माण की योजना बनाई। इस बीच 13 जनवरी को स्कूल प्रबंधन समिति के सचिव अशोक साव ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। इसी मामले में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाकर मामला निष्पादित कर दिया। हालांकि स्कूल मैदान बचाने के लिए कई दिनों से अनशन पर बैठे झारखंड अस्मिता जागृति मंच के सचिव एमएम रजा ने दावा किया कि हाई कोर्ट ने अपना फैसला स्कूल के पक्ष में सुनाया है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय ने मुकदमा संख्या डब्ल्यूपीसी/195/2020 का निष्पादन करते हुए यह आदेश दिया है कि रेलवे स्कूल मैदान की लीज रिन्यू करे। इसके बाद मंच के अध्यक्ष रंजीत सिंह परमार ने अनशन तोड़ा।
सड़क निर्माण से धनबाद शहर को मिलती जाम से मुक्ति
धनबाद शहर के बीचों बीच हावड़ा-गया-दिल्ली रेल लाइन गुजरती है। धनबाद रेलवे स्टेशन के नजदीक एक सकरा रेल पुल से ही शहर के इस पार से उस पोर आवागमन होता है। प्रतिदिन लाखों लोग और वाहनों का इस पुल से आना-जाना होता है। नतीजतन, दिन भर जाम लगा रहता है। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे द्वारा स्टेशन के साउथ साइड निकास द्वार को जोड़ने के लिए एप्रोच रोड का निर्माण कराया जा रहा था। इस रोड के निर्माण हो जाने से झरिया, सिंदरी और बैंक मोड़ और बोकारो जिले की तरफ से आने वाले लोगों को पुल पार पर ट्रेन पकड़ने के लिए मुख्यद्वार की तरफ नहीं आना पड़ता। इससे बहुत बद तक पुल में जाम की समस्या समाप्त होती। इसी को ध्यान में रख रेलवे द्वारा एप्रोच रोड का निर्माण कराया जा रहा था। विरोध के बाद निर्माण रोक दिया गया।
स्टेशन के दक्षिणी छोर तक वैकलिप्क सड़क को लेकर कोई समस्या नहीं है। इस मामले में रेलवे के साथ बैठक कर जल्द समाधान निकाला जाएगा।
-अमित कुमार, उपायुक्त
हाई कोर्ट के किसी निर्णय की जानकारी रेल प्रशासन को नहीं मिली है। जानकारी मिलने के बाद अध्ययन कर उचित निर्णय लिया जाएगा।
-अखिलेश कुमार पांडेय, सीनियर, डीसीएम