मिड डे मील में अब चावल के साथ दाल भी देगा एफसीआइ
धनबाद : सरकारी स्कूलों में चलने वाले मध्याह्न भोजन में अब चावल के साथ दाल भी मिलेगी। पहली से
धनबाद : सरकारी स्कूलों में चलने वाले मध्याह्न भोजन में अब चावल के साथ अलग से दाल भी मिलेगी। अभी एमडीएम के कुकिंग कास्ट में ही दाल की राशि समाहित रहती थी, लेकिन अब एफसीआइ चावल की ही तरह दाल की आपूर्ति भी करेगा। पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों को 20 ग्राम और छठी से आठवीं के छात्रों के लिए 30 ग्राम दाल की मात्रा निर्धारित की गई है। हालांकि झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने दाल का मूल्य निकालने के लिए कुकिंग कास्ट में कटौती कर दी है।
राज्य खाद्य निगम के गोदाम से स्कूलों तक दाल की आपूर्ति डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से डीएसई के स्तर से की जाएगी। इसको लेकर प्राधिकरण ने सभी डीएसई को पत्र जारी किया है। इसमें दाल के मूल्य की कटौती के बाद कुकिंग कॉस्ट मद पर व्यय की जाने वाली राशि निर्धारित की गई है। अब पहली से पांचवीं के लिए 4.13 की जगह 2.87 रुपये और छठी से आठवीं के लिए 6.18 की जगह 4.27 रुपये मिलेगा। इस तरह पहली से पांचवीं में 1.26 रुपये और छठी से आठवीं में 1.90 रुपये की कटौती की गई है। कुकिंग कॉस्ट की कटौती देखें तो दाल की वर्तमान दर 0.63 रुपये है। विभाग ने सभी सरस्वती वाहिनी संचालन समिति एवं बीईईओ को निर्देशित करने की बात डीएसई से कही है।
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चावल के अभाव में एमडीएम बंद, दाल की आपूर्ति से क्या होगा
कुकिंग कॉस्ट में कटौती और दाल की आपूर्ति करने पर शिक्षा के गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के अनुसार अब देखने वाली बात होगी कि सरकार किस दाल की आपूर्ति करती है, क्या बच्चों को 20-30 ग्राम दाल मिलेगी, अभी तो चावल की आपूर्ति नहीं होने पर मध्याह्न भोजन बंद हो जाता है, तो क्या दाल की आपूर्ति बंद होने पर मध्याह्न भोजन बंद होगा? उन विद्यालयों के लिए परेशानी होगी जो दाल की राशि में से कुछ बचाकर मध्याह्न भोजन जारी रखते हैं। स्कूलों में बच्चों को अंडा उबाल कर दिया जाता है, इसका मूल्य कहां से आएगा। आंगनबाड़ी में अंडा पांच रुपये की दर से मिलता है, सरकारी स्कूल में ऐसा नहीं है।
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मध्याह्न भोजन योजना पर रखें विशेष निगरानी
धनबाद : कोडरमा के एक स्कूल में एमडीएम की सब्जी खाने से एक छात्र की मौत के मामले को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने गंभीरता से लिया है। सभी जिलों को भेजे पत्र में विभागीय सचिव ने कहा है कि मध्याह्न भोजन योजना पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है। इसको लेकर जिला एवं प्रखंड स्तर पर नियमित बैठक करें, एमडीएम पर सभी ध्यान दें। घटना की पुनरावृत्ति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। एमडीएम गाइडलाइन के अनुसार दायित्व का निर्धारण किया जाए एवं दोषी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो। एमडीएम की मॉनीट¨रग न होने पर संबंधित पर कार्रवाई करें। डीएसई-बीईईओ को शोकॉज किया जाए। इतना ही नहीं विद्यालय प्रबंध समिति भंग कर नई समिति गठित की जाए।