Move to Jagran APP

अब उत्पाद को समय से पहले बर्बाद नहीं होने देगा 'गौमित्र'

धनबाद कंपनियों का कोई भी प्रोडक्ट अब खराब नहीं होगा क्योंकि गौमित्र ने इसका समाध्

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 08:05 PM (IST)
अब उत्पाद को समय से पहले बर्बाद नहीं होने देगा 'गौमित्र'
अब उत्पाद को समय से पहले बर्बाद नहीं होने देगा 'गौमित्र'

धनबाद : कंपनियों का कोई भी प्रोडक्ट अब खराब नहीं होगा, क्योंकि 'गौमित्र' ने इसका समाधान ढूंढ़ लिया है। इस समाधान को खोजने में आइआइटी सहित देशभर के कई बड़े तकनीकी संस्थानों के छात्र लगे हुए थे। उन सभी छात्रों को पीछे छोड़ते हुए आइएसएम के छात्रों ने न केवल अपनी सर्वश्रेष्ठता साबित की है, बल्कि इस प्रोजेक्ट को भी अपने हाथ में ले लिया है। जी हां, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से आयोजित 'स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2019' (सॉफ्टवेयर एडिशन) में आइआइटी आइएसएम की दो टीम ने अलग-अलग प्रोजक्ट में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। हैकथॉन में देश भर से कुल 40 टीमों ने हिस्सा लिया था। केवल आइआइटी आइएसएम से कुल 17 टीमें शामिल हुई थीं। इस प्रतियोगिता में आइएसएम की दो टीम गौमित्र और जनमित्र को अलग-अलग प्रोजेक्ट में प्रथम पुरस्कार मिला।

loksabha election banner

प्रोडक्ट नहीं होगा खराब

आइआइटी आइएसएम की टीम गौमित्र को आइटीसी कंपनी का प्रोजेक्ट 'मेनुफैक्चरिग पाइपलाइन प्रोटोक्रेट डिलेवर' दिया गया था। टीम के मोहित त्रिपाठी ने बताया कि कंपनी जो प्रोडक्ट बनाती है, उसकी नमी 13.53 होना चाहिए ताकि प्रोडक्ट खराब न हो। आइएसएम की टीम गौमित्र ने इसके लिए जो एक्युरेसी लाई है, वह 98.3 है। यह एक्युरेसी लक्ष्य के काफी करीब है। मोहित ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर और काम किया जाएगा, ताकि एक्युरेसी को 99.5 तक लाया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रोडक्ट की नमी बरकरार नहीं रहने के कारण कंपनियों का प्रोडक्ट खराब हो जाता है और लाखों करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मोहित ने बताया कि टीम के बेहतर प्रदर्शन के कारण यह प्रोजेक्ट आइएसएम को मिला है, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान जो टीम थी, उसकी एक्युरेसी 98 प्रतिशत थी। मोहित ने बताया कि उदयपुर राजस्थान के गिट्स कॉलेज में 2 व 3 मार्च को आयोजित इस प्रतियोगिता में गौमित्र को प्रथम पुरस्कार के रूप में 75 हजार रूपये दिए गए। इस टीम में प्रत्युष मिश्रा, अमनदीप सिंह, अभय गौर, आदित्य शर्मा, निकिता पॉलीवाल शामिल हैं।

अब हैक नहीं होगा डाटा

आइआइटी आइएसएम की टीम जनमित्र को एमईडीएस सॉफ्टवेयर कंपनी का प्रोजेक्ट दिया गया था। टीम के आर्दश जैन ने बताया कि केरल के श्रीबुद्धा इंजीनियरिग कॉलेज में आयोजित प्रतियोगिता में जो प्रोजेक्ट दिया गया था, उसमें ब्लॉक चेज सोल्यूशन था। उन्होंने बताया कि हाइपर लेजर फेब्रिक कंपोज के माध्यम से प्रोटोटाइप मॉडल बनाया गया था, जिसमें बताया गया कि डेटा न केवल सुरक्षित रहेगी, बल्कि इसकी प्राइवेसी भी होगी। इस प्रोजेक्ट में दूसरे स्थान पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र रहे। आर्दश ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए आइएसएम की टीम जनमित्र को चुना गया और प्रथम पुरस्कार के रूप में 75 हजार रुपये दिए गए। इस टीम में पूजा कुमारी, मणीशंकर बाजपेयी, वारिस कमर, देवेंद्र कुमार, सोनाली सिन्हा शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.