राज्य में अब भूतपूर्व सैनिकों के हाथ होगी परिवहन विभाग की कमान Dhanbad News
परिवहन नियम की जरा सी अनदेखी की तो आपका सामना सरहद की हिफाजत करने वाले सैनिक से होगा। जी हां सूबे में मोटर यान निरीक्षकों की अब कमी नहीं रहेगी। परिवहन विभाग को 19 एमवीआइ मिले हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद: परिवहन नियम की जरा सी अनदेखी की तो आपका सामना सरहद की हिफाजत करने वाले सैनिक से होगा। जी हां, सूबे में मोटर यान निरीक्षकों की अब कमी नहीं रहेगी। लंबे अर्से से मोटर यान निरीक्षक की कमी का दंश झेल रहे परिवहन विभाग को 19 एमवीआइ मिले हैं। ये सभी पूर्व सैनिक हैं। इनकी बहाली के बाद इन्हें बतौर प्रशिक्षण सभी जिलों में भेज भी दिया गया है।
अब ये सैनिक परिवहन संबंधी मामलों का निपटारा करेंगे। गुरुवार को जिला परिवहन अधिकारी के दिश निर्देश में मोटर यान निरीक्षकों ने वाहन चेकिंग अभियान किया। इस दौरान कई वाहनों को पकड़ा गया तथा उनके दस्तावेजों की जांच की गई। प्रशिक्षु एमवीआइ ने कई वाहनों का चालान भी काटा। बताते चलें कि सूबे में महज पांच मोटर यान निरीक्षक अब तक कार्य कर रहे थे। एक मोटर यान निरीक्षक पर छह-छह जिलों की जिम्मेवारी थी, जिससे न केवल फाइलों का पेंडिंग बढ़ रही है, बल्कि आमलोगों को समय पर काम नहीं मिलने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी परेशानी से निजात पाने के लिए सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों को जिम्मेवारी दी है।
16 वाहनों से वसूला 13500 का जुर्माना: धनबाद जिले में प्रशिक्षण के लिए आए एमवीआइ अरुण कुमार झा, अशोक कुमार सिंह, बहादुर प्रसाद वर्मा तथा राम कृष्ण तिवारी ने पहले दिन 94 वाहनों की जांच की, जिनमें मोटरयान अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन करने वाले 16 वाहनों से 13500 रुपये बतौर जुर्माना के रूप में वसूला। वहीं नवनियुक्त एमवीआई को खनन क्षेत्रों में ले जाया गया, जहां वाहनों की संघन जांच की गई। इस दौरान इन्हें विभिन्न खनन क्षेत्रों में ले जाया गया जहां विभाग का 40 करोड़ से भी अधिक रोड टेक्स जमा नहीं हुआ है।
"एमवीआइ की कमी को सरकार ने दूर कर दिया है। फिलहाल इन्हें प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। आज प्रशिक्षण का पहला दिन था। इस दौरान उन्हें परिवहन से जुड़े तकनीकी पहलूओं से अवगत कराया गया। प्रशिक्षण के बाद इन्हें जिलों का प्रभार दिया जाएगा।"
- ओमप्रकाश यादव, जिला परिवहन अधिकारी