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कोयला चोरों के सामने खनन प्रहरी एप भी नाकाम, एक भी शिकायत दर्ज नहीं

नोडल विभाग के रूप में कार्यरत आइईडी के अध्यक्ष जीएम यू दास ने बताया कि अब तक जनता की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 03:32 PM (IST)
कोयला चोरों के सामने खनन प्रहरी एप भी नाकाम, एक भी शिकायत दर्ज नहीं
कोयला चोरों के सामने खनन प्रहरी एप भी नाकाम, एक भी शिकायत दर्ज नहीं

धनबाद, जेएनएन। कोयला खदानों में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने के इरादे से मोबाइल एप खान प्रहरी बीसीसीएल में पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है। जुलाई में इसे कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने इसे लांच किया गया था। इस मौके पर कोल इंडिया व राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

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 नोडल विभाग के रूप में कार्यरत आइईडी के अध्यक्ष जीएम यू दास ने बताया कि अब तक जनता की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है। सिर्फ एक मामले में बीसीसीएल ने स्वयं संज्ञान लेते हुए लोदना एरिया के पाथरजोरिया में अवैध खनन  स्थल की भराई की। सूत्रों की मानें तो बीसीसीएल व जिला प्रशासन को संयुक्त रूप से इस पर काम करना था, लेकिन सारे दावे पूरी तरह से फेल हो रहे हैं। हर माह किसी ने किसी क्षेत्र में अवैध खनन में लोगों की जान जा रही है। 

कोल मंत्रालय व कोल इंडिया का दावा था कि इस एप के लांच होने से अवैध खनन व कोयला चोरी रोकने में मदद मिलेगी। इसे काफी सरल किया गया था ताकि आम जनता मोबाइल पर इसे इस्तेमाल करें। एप को गूगल प्ले स्टोर से कोई भी अपने स्मार्ट फोन में डाउनलोड कर सकता है। अवैध उत्खनन की सूचना मिलने पर उसका फोटो और वीडियो बनाकर एप पर अपलोड किया जा सकता है। अपलोड होते ही उसकी सूचना संबंधित क्षेत्र के नोडल पदाधिकारी के पास पहुंच जाएगी और वे कार्रवाई के लिए संबंधित क्षेत्र के थाने को भेज देंगे। उसके आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी। कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने लांचिंग के समय दावा किया था कि इससे काफी हद दक अवैध खनन में लगाना संभव हो सकेगा। लेकिन यह भी कारगर नहीं हो सका। बताते हैं कि इस मोबाइल का एप का जितना प्रचार होना चाहिए था, नहीं हुआ। आम लोगों को इस एप की कोई जानकारी तक नहीं है। बीसीसीएल व ईसीएल प्रबंधन लगातार दावा करते रहे हैं कि अवैध खनन स्थल की भराई हो रही है। बावजूद इसके हादसा हो रहा है। जुलाई में ही निरसा में अवैध खनन में तीन लोगों की मौत हुई थी। चार नवंबर को भी ईसीएल के मुगमा इलाके के राजा कोलियरी में अवैध खनन में एक की मौत हो गई थी। इससे पहले 24 जुलाई को बीसीसीएल के दहीबाड़ी कोलियरी में दो की मौत हुई थी। अब राजपुर में हुए हादसे ने एक बार फिर तमाम दावों की पोल खोल दी है।


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