अनुमंडलाधिकारी के साथ आइसीए की बैठक बेनतीजा, पुरानी दर पर कोयला लोडिंग को ढुलू तैयार
लिंकेज कोयला उठाव के मामले पर फिर कोई निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह जरूर सामने आया कि दूसरे पक्ष ने 650 रुपये प्रति टन कोयला लोडिंग मजदूरी दर पर समझौता करने का प्रस्ताव दिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: लिंकेज कोयला उठाव के मामले पर फिर कोई निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह जरूर सामने आया कि दूसरे पक्ष ने 650 रुपये प्रति टन कोयला लोडिंग मजदूरी दर पर समझौता करने का प्रस्ताव दिया है। बीसीसीएल के एरिया एक से पांच तक की बाघमारा क्षेत्र की कोलियरियों में लिंकेज कोयला उठाव विवाद सुलझाने के लिए गुरुवार को अनुमंडल अधिकारी के साथ बैठक हुई।
बैठक में इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रशासन द्वारा गठित कमेटी के प्रस्तावों को लागू करने की मांग की। अनुमंडल अधिकारी राज महेश्वरम ने कहा कि यह मसला उपायुक्त के स्तर का है। इसे वे ही लागू करवा सकते हैं। हाल के दिनों में मजदूरों ने रोजगार संकट को लेकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की। लेकिन दूसरा पक्ष 250 रुपये प्रति टन कोयला उठाव की मजदूरी दर पर राजी नहीं है। दूसरे पक्ष का कहना है कि यदि पूर्व की तरह 650 रुपये प्रति टन पर व्यवसायी मान जाएं तो लिंकेज कोयले का उठाव किया जा सकता है।
अनुमंडल अधिकारी के इस प्रस्ताव पर इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने एसोसिएशन की बैठक के बाद ही फैसला करने की बात कही। बैठक किसी निर्णय के ही समाप्त हो गई। बैठक में इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अमितेश सहाय, सच्चिदानंद सिंह, जनक सिंह, रामेश्वर दयाल अग्रवाल, सज्जन अग्रवाल, सज्जन खड़किया, अभिषेक डोकानिया, अमित अग्रवाल आदि थे।
आवागमन बाधित करनेवाले फर्जी रैयत: इधर एरिया एक से पांच तक की कोलियरियों के कई मजदूर भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बैलगाड़ी लगाकर जो रैयत कोल डंप जाने वाले रास्ते का घेराव कर रहे हैं वे फर्जी रैयत हैं। वे उन दबंग लोगों के आदमी हैं जो कोलियरी से कोयला उठाव नहीं होने दे रहे। वे जिस रास्ते को अपना बता रहे हैं वहां से पहले से भी कोयला ढुलाई होता रहा है। बीसीसीएल के नक्शे में वेस्टेज के रूप में दर्शाया गया है। इनसे मजदूरों की रक्षा करते हुए प्रशासन कोयला उठाव शुरू करवाए। मांग करनेवाले मजदूरों में अशोक ठाकुर, सुरेश भुइयां, अशोक सोनार, जितेंद्र भुइयां, फेंकू निषाद, पप्पू रवानी, मनोज कुमार आदि शामिल थे।
दिसंबर से बंद है बाघमारा की कोलियरियों से कोयला उठाव: बाघमारा की कोलियरियों से हार्डकोक उद्योगों को मिलने वाला लिंकेज कोयला का उठाव दिसंबर माह से ही बंद है। इंडस्ट्रीज ऑफ कॉमर्स से जुड़े हार्डकोक उद्यमियों ने विधायक ढुलू महतो पर कोयला उठाव के लिए मजदूरी दर 650 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति टन करने के खिलाफ कोयला उठाना बंद कर दिया था। उन्होंने विधायक पर रंगदारी करने का आरोप लगाया था।
अपनी ही कमेटी का प्रस्ताव लागू नहीं करा पाया प्रशासन: मामले के तूल पकडऩे के बाद उपायुक्त ने एक कमेटी गठित की। इसमें सिटी एसपी, एडीएम विधि-व्यवस्था, बीसीसीएल के दो, केंद्री व राज्य श्रम आयोग के एक-एक और इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के दो प्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया था। कमेटी ने विभिन्न कोलियरियों का दौरा करने के बाद कोयला उठाव की मजदूरी 250 रुपये प्रति टन निर्धारित किया। मजदूरों के खाते में भुगतान करने, कोयला उठाव करनेवाले उद्यमियों व उनके वाहनों को समुचित सुरक्षा देने सहित कई अन्य प्रस्ताव भी शामिल था। इसी दर को जिले के सभी कोलियरियों में भी लागू कराना था।
विधानसभा पहुंचा लिंकेज कोयला उठाव का मामला: इससे पहले कि उपायुक्त इन प्रस्तावों को लागू कराते निरसा विधायक अरूप चटर्जी, बाघमारा विधायक ढुलू महतो इसे मुद्दे को विधानसभा ले गए। उन्होंने इसे मजदूरों के साथ नाइंसाफी बताया। अरूप का कहना था कि मजदूरी भुगतान की जो उच्चतम राशि है उसे ही लागू कराया जाए। जब बाघमारा में 650 रुपये प्रति टन भुगतान हो रहा था तो उसे घटाया कैसे जा सकता है। ढुलू ने भी इसका विरोध किया।
जिनके खिलाफ करनी थी कार्रवाई, उसी ने शुरू की मामले की सुनवाई: विधानसभा के स्पीकर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे विधानसभा के प्रश्नोत्तर समिति को दे दिया। इसके अध्यक्ष अरूप चटर्जी और सदस्य ढुलू महतो व राज सिन्हा हैं। इस तरह बाघमारा कोलियरियों में रंगदारी का आरोप जिन ढुलू महतो और धनसार कोलियरी में जिन राज सिन्हा और अरूप समर्थकों के संघर्ष के कारण कोयला उठाव रुका हुआ है उन्हीं तीनों के हाथ मामले की सुनवाई दे दी गई। उपायुक्त धनबाद ने जिनसे उद्यमियों को मुक्ति दिलाने के लिए कमेटी बनाई थी, अगले दिन स्वयं उन्हीं के समक्ष दलील पेश कर रहे थे।
चुनाव के कारण मामला अधर में लटका: विधायकों ने जिले भर में बढ़ी हुई दर लागू करवाने का दबाव विधानसभा समिति के जरिए बनाया तो प्रशासन ने लोकसभा चुनाव तक टाल दिया। इधर कोयला नहीं उठने से परेशान उद्यमी भी इस पर ठोस निर्णय चाहते थे। लिहाजा चुनाव बीतते ही जहां इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन 250 रुपये प्रति टन का फार्मूला लागू करवाने पहुंचा वहीं ढुलू समर्थकों ने 650 रुपये प्रति टन पर समझौता करने का प्रशासन पर दबाव बनाया है।
आइसीए विचार-विमर्श के बाद लेगी फैसला: इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अमितेश सहाय ने कहा है कि गुरुवार को प्रशासन के साथ बैठक के बाद आइसीए की बैठक हुई। बैठक में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आइसीए का मानना है कि उपायुक्त द्वारा गठित कमेटी की हर सिफारिश उसे कुबूल है। जहां तक एसडीओ की बैठक में 650 रुपये प्रति टन के प्रस्ताव की बात तो इस पर और विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने विधायक ढुलू महतो द्वारा उद्यमियों पर कोयला चोरी का आरोप लगाए जाने के सवाल पर कहा कि केंद्र व राज्य में उनकी सरकार है। वे सीबीआइ से जांच करा लें कि कोयला कहां से लोड होता है और कहां गिराया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप