झरिया पुनर्वास योजना की बैठक में किराएदारों पर नहीं हुई चर्चा
जासं झरिया धनबाद समाहरणालय में राज्य सरकार के प्रतिनिधि बीसीसीएल के अधिकारी व धनबाद ि
जासं, झरिया : धनबाद समाहरणालय में राज्य सरकार के प्रतिनिधि, बीसीसीएल के अधिकारी व धनबाद जिला के जनप्रतिनिधियों के साथ 12 जनवरी को उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में दशकों से झरिया में रह रहे हजारों किराएदारों को लेकर चर्चा नहीं की गई। सामाजिक संस्था आइएनए के पिनाकी राय ने कहा कि बैठक से झरिया के लोगों में कई तरह की आशा जगी है। विशेष कर उस क्षेत्रों के लोगों के लिए जो हर दिन अग्नि प्रभावित क्षेत्र में बिना कोई मुआवजा के लिए रह रहे हैं। कहा कि झरिया पुनर्वास बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार को गंभीर विचार-विमर्श करना चाहिए। पिनाकी ने कहा कि झरिया में 40-45 प्रतिशत किराएदार दशकों से रहते आ रहे हैं। उनके लिए योजना में मुआवजा या कंपनसेशन की कोई पॉलिसीज नहीं दिख रही है। ऐसा लगता है कि केंद्र व राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में सामाजिक सोच व विचार भावना में कमी आ गई है। झरिया कोयला क्षेत्र में रहनेवाले किराएदार खुद को ठगे महसूस कर रहे हैं। सरकार इन्हें शरणार्थी बनाने की योजना तो नहीं बनाई है। कहा कि झरिया पुनर्वास योजना में यहां के किराएदारों को भी अधिकार मिलना चाहिए। किराएदार वर्षो से झरिया में रह रहे हैं। वो आखिर अचानक से कहां चले जाएंगे। उनके सामने भी रोजी-रोटी का संकट है। जिला प्रशासन को उनकी समस्याओं पर भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। किराएदारों के बारे में अभी कोई बात नहीं कर रहा है। यह गलत है। यदि हमलोगों के बारे में नहीं सोचा गया तो हमलोग इसका विरोध करेंगे।