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रघुवर ने बाजार शुल्क हटाया तो हेमंत ने लगाने पर दिया जोर, व्यापारी कर रहे विरोध

रघुवर ने बाजार शुल्क हटाया तो हेमंत ने लगाने पर दिया जोर धनबाद के व्यापारियों ने किया विरोध

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 10:24 PM (IST)
रघुवर ने बाजार शुल्क हटाया तो हेमंत ने लगाने पर दिया जोर, व्यापारी कर रहे विरोध
रघुवर ने बाजार शुल्क हटाया तो हेमंत ने लगाने पर दिया जोर, व्यापारी कर रहे विरोध

रघुवर ने बाजार शुल्क हटाया तो हेमंत ने लगाने पर दिया जोर, व्यापारी कर रहे विरोध

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झरिया : बाजार शुल्क के खिलाफ झारखंड चैंबर आफ कामर्स के आह्वान पर कृषि उत्पादन बाजार समिति धनबाद के व्यापारी आंदोलनरत हैं। चैंबर के लोगों ने व्यापारियों से खाद्यान्न, फल सब्जी नहीं मंगवाने का आग्रह किया है। इस बाबत सोमवार को खाद्यान्न, फल व्यापारियों की बैठक हुई। व्यापारियों ने सरकार की ओर से बाजार शुल्क लागू करने के विरोध का निर्णय लिया। कहा कि हम खाद्यान्न व्यापारियों के साथ हैं। रविवार को विभिन्न प्रांतों से दलहन, खाद्य तेल, अनाज आदि की लगभग एक दर्जन गाड़ियां कृषि बाजार समिति प्रांगण में पहुंची।

व्यापारियों ने कहा कि सोमवार से अन्य प्रांतों से आने वाले खाद्यान्नों की खरीद-बिक्री बंद कर दी गई है। इसका असर धनबाद के खुदरा बाजार में देखने को मिलेगा। व्यापारियों की मानें तो कृषि बाजार समिति में लगभग 500 से भी अधिक दुकानें हैं। सभी व्यापारियों ने अन्य प्रांतों से माल का आर्डर देना बंद कर दिया है। जिला खाद्यान्न व्यवसायी संघ के महासचिव विकास कंधवे ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दो प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का बाजार समिति के व्यापारियों ने विरोध किया है। बाजार में अनाज की कमी होने पर लोगों को होनेवाली समस्या की जिम्मेदारी झारखंड सरकार की होगी। व्यापारियों ने कहा कि रघुवर सरकार ने बाजार समिति शुल्क हटाया था। वहीं हेमंत सरकार ने शुल्क लगाने पर जोर दिया है। व्यापारी इसका विरोध अंत तक करेंगे।

फल व्यापारी हैं पेशोपेश में :

कच्चा माल होने के कारण धनबाद बाजार समिति के फल व्यापारी पेशोपेश में हैं। फल व्यापारियों ने खाद्यान्न व्यापारियों से कहा कि सभी फल दूसरे प्रांतों से आते हैं। यहां आने पर उन्हें दो-तीन दिन लगता है। फलों को न स्टाक किया जा सकता है न ही उसे खाद्यान्नों की तरह रोका जा सकता है। फलों को एक-दो दिन में नहीं बेचा गया तो वह खराब हो जाएगा। इस पर अगली बैठक में विचार करने का निर्णय लिया गया।

विरोध में कहीं कालाबाजारी का खेल न शुरू हो जाए :

बाजार शुल्क के खिलाफ कई खुदरा खाद्यान व्यापारी माल का स्टाक करना शुरू कर दिए हैं। यदि विरोध लंबे समय तक चलता रहा तो खाद्यानों की कालाबाजारी का खेल शुरू हो सकता है। इससे लोग भयभीत हैं। पड़ोसी राज्यों से रातों-रात खाद्यान्न मंगवाकर उसकी कालाबाजारी करने की आशंका जताई जा रही है।

क्या कहते हैं व्यापारी :

व्यापारी के साथ हूं। सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए। मंहगाई की मार सभी झेल रहे हैं। यदि बाजार शुल्क लगेगा तो मंहगाई और बढ़ जाएगी।

- सुशील अग्रवाल, थोक व्यापारी, बरवाअड्डा।

फल व्यापारी भी खाद्यान्न व्यापारी के साथ हैं। बाजार शुल्क सरकार को नहीं लगाना चाहिए। शुल्क लगने से मंहगाई और बढ़ जाएगी।

- श्याम सुंदर साव, थोक व्यापारी बरवाअड्डा।

सरकार को बाजार शुल्क लेने के निर्णय को वापस लेना होगा। जब तक ऐसा नहीं होगा। सरकार के विरुद्ध आंदोलन जारी रहेगा।

- सुरेंद्र जिंदल, थोक व्यापारी बरवाअड्डा।

पूर्व की सरकार ने बाजार शुल्क खत्म कर दिया था। अभी की सरकार ने बाजार शुल्क फिर से लाने का काम कर रही है। ऐसे में व्यापारी मंहगाई के बोझ में और दब जाएंगे।

- विनोद गुप्ता, थोक व्यापारी बरवाअड्डा।


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