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बालू घाट पर छापा मारने पहुंचे SDM को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, विधायक ने लगाया गंभीर आरोप Dhanbad News

विधायक ने कहा कि खनन विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बालू माफियाओं से सांठगांठ है। पूर्व उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि विकास कार्यों के लिए बालू का उठाव होता रहेगा।

By Edited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 04:24 AM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 08:34 AM (IST)
बालू घाट पर छापा मारने पहुंचे SDM को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, विधायक ने लगाया गंभीर आरोप Dhanbad News
बालू घाट पर छापा मारने पहुंचे SDM को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, विधायक ने लगाया गंभीर आरोप Dhanbad News

निरसा, जेएनएन। निरसा के मोराडीह बालू घाट पर छापामारी करने के लिए बुधवार को एसडीएम राज महेश्वरम के नेतृत्व में गई टीम को निरसा थाना क्षेत्र के मोराडीह के ग्रामीणों ने लगभग चार घंटे तक बंधक बना लिया। सूचना पाकर विधायक अरूप चटर्जी भी पहुंचे। बाद में एसडीपीओ विजय कुशवाहा ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण नहीं माने। बाद में विधायक अरूप चटर्जी ने एसएसपी किशोर कौशल से बात करने के बाद कहा कि पूर्वी टुंडी थाना प्रभारी पर कार्रवाई होगी। किसी भी निर्दोष पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद ग्रामीणों ने अधिकारियों को छोड़ा। ग्रामीणों के साथ महिलाएं भी काफी आक्रोशित थीं।

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क्या है मामला : अवैध बालू उठाव की सूचना पर डीसी के नेतृत्व में गठित टास्क फोर्स की टीम बुधवार की संध्या लगभग तीन बजे निरसा थाना क्षेत्र के मोराडीह गांव छापामारी करने पहुंची थी। मोराडीह गांव के ग्रामीणों का आरोप था कि टीम में शामिल एसडीएम राज महेश्वरम, खनन विभाग के निरीक्षक पिूंटू कुमार सिंह, पूर्वी टुंडी थाना प्रभारी रतन मुंडा ने बालू स्टॉक के बगल में अपने घर में खड़े 407 एवं ट्रैक्टर वाहनों का फोटो खिंचने लगे। इस पर ग्रामीण एवं महिलाओं ने कहा कि जब यहां पर बालू का उठाव नहीं हो रहा है तो फोटो क्यों खींच रहे हैं। इस पर एसडीएम व टीम के अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ गाली गलौज करते हुए कहा कि सभी गाड़ियों पर मामला दर्ज किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण उग्र हो गए और महिलाएं अधिकारियों की गाड़ी के आगे बैठ गई और लगभग चार घंटे तक उन्हें बंधक बनाए रखा। ग्रामीणों का आरोप था कि पूर्वी टुंडी थाना प्रभारी रतन मुंडा ने सोमवार को जब्त आठ वाहनों से 60 हजार घूस लेकर सभी वाहनों को छोड़ दिया गया। टुंडी थाना प्रभारी ने दिलीप कुंभकार नामक एक युवक को मुखबिर बना रखा है, जो पांडुवा बेजरा के पास सभी बालू लदे वाहनों से अवैध वसूली करता है। चालान रहे या ना रहे पूर्वी थाना के नाम पर प्रति वाहन दो सौ रुपये की वसूली की जाती है। जो वाहन मालिक पैसा देने से इंकार करते हैं। उनके वाहनों को जब्त कर लिया जाता है। ग्रामीणों का आरोप था कि पूर्वी टुंडी के पालोबेड़ा निवासी संतोष महतो एवं वीरचंद्र सिंह बालू के स्टॉक के नाम पर फर्जी चालान काट कर वाहन मालिकों से प्रति सीएफटी 400 की वसूली करते हैं।

खनन विभाग द्वारा बताया गया है कि किसी भी घाट का नीलामी नहीं हुआ है। फर्जी चालान काटा जा रहा है। इसके बाद कुछ वाहन चालकों ने चालान लेना बंद कर दिया, तो वे लोग पूर्वी टुंडी थाना प्रभारी से मिलकर उनके वाहनों को पकड़ कर उन पर मामला दर्ज करवा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि आज संतोष महतो तथा वीरचंद्र सिंह टास्क फोर्स टीम के साथ आगे आगे चल रहे थे। जो लोगों के गलत कार्यो का विरोध करने वाले लोगों के वाहनों को चिन्हित कर उनके वाहनों का फोटोग्राफी करवा रहे थे। इसी कारण ग्रामीण आक्रोशित हो गए तथा टास्क फोर्स के लोगों को बंधक बना लिया। वहीं एसडीएम राज महेश्वरम ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। नाम ना छापने की शर्त पर खनन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उपायुक्त के नेतृत्व में गठित टास्क फोर्स ने अवैध बालू उठाव की सूचना पर बालू स्टॉक की जांच करने आए थे। इससे पूर्व टास्क फोर्स ने पूर्वी टुंडी थाना क्षेत्र के पालोबेड़ा में बालू स्टॉक की जांच की। इसके बाद मोराडीह गांव में बालू स्टाफ की जांच करने पहुंची तो ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए जाने के बाद एसडीएम अपने वाहन में ही बैठे रहे।

बालू माफियाओं के पक्ष में खड़े हैं प्रशासनिक अधिकारी : वहीं विधायक अरूप चटर्जी ने घटनास्थल से ही एसएसपी से दूरभाष पर बात कर सारी वस्तुस्थिति की जानकारी दी। अरूप चटर्जी के अनुसार एसएसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि पूर्वी टुंडी थाना प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी तथा पूरे मामले की जांच कर वस्तुस्थिति से उपायुक्त को अवगत कराया जाएगा। आज की घटना में किसी भी ग्रामीण पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। विधायक ने कहा कि खनन विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बालू माफियाओं से सांठगांठ है। पूर्व उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि विकास कार्यों के लिए बालू का उठाव होता रहेगा। परंतु इस तरह की कार्रवाई के कारण विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारी तथा पुलिस बालू माफियाओं का साथ देना छोड़े वरना ग्रामीणों के साथ उग्र आंदोलन करेंगे।


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