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Terror funding: उग्रवादियों को मदद पहुंचाने में ट्रांसपोर्टर राहुल सिंह घिरे, झरिया थाना में बिठा एनआइए ने की लंबी पूछताछ

Terror funding टंडवा के मगध व आम्रपाली परियोजना से सीसीएल पुलिस उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय के नाम पर अवैध वसूली हो रही थी। इस मामले को एनआइए ने 2018 में टेकओवर किया।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 11:08 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 11:08 AM (IST)
Terror funding: उग्रवादियों को मदद पहुंचाने में ट्रांसपोर्टर राहुल सिंह घिरे, झरिया थाना में बिठा एनआइए ने की लंबी पूछताछ
Terror funding: उग्रवादियों को मदद पहुंचाने में ट्रांसपोर्टर राहुल सिंह घिरे, झरिया थाना में बिठा एनआइए ने की लंबी पूछताछ

धनबाद/ रांची, जेएनएन। चंतरा के टंडवा स्थित मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने धनबाद के ट्रांसपोर्टर राहुल सिंह से झरिया थाने में लंबी पूछताछ की। इस पूछताछ में टेंडर मैनेज करने से लेकर तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादियों को फंडिंग करने तक से संबंधित सवाल थे। राहुल ने एनआइए के सवालों का क्या जवाब दिया, यह अभी खुलकर सामने नहीं आया है, लेकिन इस पूछताछ को कोयला ट्रांसपोर्टर सोनू अग्रवाल व अन्य कारोबारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। ट्रांसपोर्टर सोनू अग्रवाल भी टेरर फंडिंग मामले में एनआइए के रडार पर हैं।

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पूर्व में एनआइए के हाथों गिरफ्तार ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू से पूछताछ में एनआइए को जानकारी मिली थी कि टीएसपीसी को लेवी देने के लिए उग्रवादियों के शह पर ही ट्रांसपोर्टर ऊंची दर पर कोयला ढुलाई का ठेका लेते थे। ऊंची दर पर ली गई राशि उग्रवादियों तक पहुंचती थी। टेरर फंडिंग के मामले में अब तक आधुनिक कंपनी के जीएम झारखंड संजय जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह, सीसीएल के चालक और इस टेरर फंडिंग के मास्टर माइंड सुभान खान, कोलकाता की कंपनी गोदावरी ट्रांसपोर्ट का कामकाज देखने वाले रातू रोड निवासी सुदेश केडिया, आधुनिक कंपनी से जुड़े अजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

इस प्रकरण में एनआइए ने आधुनिक पावर कंपनी के जीएम संजय जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू, सुभान खान, उग्रवादी विंदेश्वरी गंझू उर्फ बिंदू गंझू, प्रदीप राम, अजय सिंह भोक्ता, विनोद गंझू, मुनेश गंझू सहित 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अब भी इस मामले में टीएसपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू, आक्रमण जी, अनिश्चय गंझू फरार हैं।

टंडवा के मगध व आम्रपाली परियोजना से सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय के नाम पर अवैध वसूली हो रही थी। टंडवा थाने में वर्ष 2016 में दर्ज इस मामले को एनआइए ने 2018 में टेकओवर किया था और तब से जांच जारी है। धनबाद के राहुल सिंह से पूछताछ के बाद यहां के कई और ट्रांसपोर्टर सहम गए हैं।


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