रेलवे ने जारी किया नया नियम, अब किन्नर यात्रियों को भी पुरुषों के बराबर रियायत
रेलवे अब 58 वर्ष से अधिक के किन्नरों को भी रेल टिकट पर रियायत देगी। उन्हें मिलने वाली छूट सीनियर सिटीजन मेल यानी पुरुष के बराबर होगी। उन्हें पूरे 40 फीसद की रियायत मिलेगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद: अपने अजीबोगरीब और चौंकाने वाले नियमों के लिए जाने जानेवाली रेल ने एक बार फिर जनमानस को हतप्रभ दिया है। रेलवे अब 58 व र्ष से अधिक के किन्नरों को भी रेल टिकट पर रियायत देगी। उन्हें मिलने वाली छूट सीनियर सिटीजन मेल यानी पुरुष के बराबर होगी। ट्रेन में सफर के दौरान उन्हें पूरे 40 फीसद की रियायत मिलेगी और सिर्फ 60 फीसद किराया चुकाकर किसी भी श्रेणी में सफर कर सकेंगे। इतना ही नहीं, रेलवे की गिव अप स्कीम भी उनके लिए लागू होगी। इसके तहत अगर वो चाहेंगे तो उन्हें मिलने वाली 40 फीसद रियायत में से आधा हिस्सा छोड़ भी सकते हैं। यानी 40 में से 20 फीसद रियायत का लाभ लेकर शेष हिस्से का त्याग भी कर सकते हैं। नई व्यवस्था प्रभावी हो गई है। हालांकि रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से एकसमान नीति निर्धारण होने तक किन्नरों के लिए फिलहाल यह विकल्प तलाशा गया है।
दरअसल, सभी श्रेणियों में सफर के दौरान सीनियर सिटीजन पुरुष व महिला को रेलवे रियायत देती है। 58 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिला को 50 फीसद और 60 और उससे उम्रदराज पुरुष को 40 फीसद कम किराया चुकाकर यात्रा की अनुमति मिलती है। इसी तर्ज पर अब किन्नरों को पुरुष सीनियर सिटीजन सरीखे रेल किराये में 40 फीसद की छूट मिलेगी। रेलवे के आरक्षण केंद्रों के साथ-साथ ऑनलाइन ई-टिकट बुक कराने पर भी रियायत का लाभ मिलेगा। इसके लिए आइआरसीटीसी ने भी अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है।
पहले नहीं मिलती थी रियायत: रेलवे के वाणिज्य विभाग के अनुसार, किन्नर यानी थर्ड जेंडर के लिए रेलवे ने पिछले वर्ष अक्टूबर में आरक्षण फॉर्म में बदलाव किया था। मेल और फीमेल के साथ टी यानी ट्रांसजेंडर का कॉलम भी दिया गया था। रेलवे ने स्पष्ट किया कि अगर कोई किन्नर आरक्षण कराता है, तो उसे टी लिखने का विकल्प मिलेगा। पर किन्नरों को सीनियर सिटीजन की रियायत नहीं मिलती थी। अब सॉफ्टवेयर में बदलाव कर उन्हें रियायत का हकदार बनाया गया है।