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यहां की फिजां में अब भी नक्सलियों का खौफ, विद्यालय-थाना निर्माण में बाधक

पलमा में अब भी नक्सलियों के खौफ से प्रशासन को छुटकारा नहीं मिल पाया है। तकरीबन एक दशक पूर्व नक्सलियों द्वारा उड़ाए गए आदिवासी आवासीय छात्रावास का दोबारा निर्माण नहीं हो पाया।

By mritunjayEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 10:56 AM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 10:56 AM (IST)
यहां की फिजां में अब भी नक्सलियों का खौफ,  विद्यालय-थाना निर्माण में बाधक
यहां की फिजां में अब भी नक्सलियों का खौफ, विद्यालय-थाना निर्माण में बाधक
 धनबाद, जेएनएन। हाल के वर्षों में समूचे झारखंड में नक्सली गतिविधियों में कमी आई है। धनबाद में भी नक्सलियों की गतिविधि कुछ खास पाकेट तक सिमट कर रह गई है। ऐसे ही पाकेट हैं टुंडी प्रखंड के पलमा और मनियाडीह। इन इलाकों में नक्सलियों का खौफ बरकरार है। डर के मारे स्कूल और थाने निर्माण के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 
एक दशक में नहीं बना आवासीय विद्यालयः टुंडी पलमा में अब भी नक्सलियों के खौफ से प्रशासन को छुटकारा नहीं मिल पाया है। यही कारण है कि तकरीबन एक दशक पूर्व नक्सलियों द्वारा उड़ाए गए आदिवासी आवासीय छात्रावास का दोबारा निर्माण नहीं हो पाया। कल्याण विभाग के मद से वहां विद्यालय बनाने का प्रस्ताव अब भी लंबित है। विद्यालय के लिए फंड भी आवंटित हुए थे। तकरीबन 46 लाख में वहां आदिवासी छात्रावास का पुन: निर्माण होना था। परंतु सुरक्षा कारणों से विद्यालय को दूसरे जगहों पर स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है। कल्याण विभाग ने सुरक्षा कारणों से पलमा में छात्रावास निर्माण नहीं कराने से संबंधित रिपोर्ट मुख्यालय को पूर्व में ही भेज चुकी है। मालूम हो कि तकरीबन नौ साल पूर्व टुंडी पलमा में नक्सलियों ने आदिवासी छात्रावास को केवल इसलिए उड़ा दिया था ताकि वहां पुलिस का कैंप नहीं लगे। उस इलाके में पुलिस अक्सर पेट्रोलिंग के दौरान आदिवासी छात्रावास में विश्राम करते थे यही बात नक्सलियों को नहीं पच रही थी। 
अब तक मनियाडीह थाना का निर्माण नहीं हुआ पूराः
नक्सल प्रभावित टुंडी क्षेत्र में विधि-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए धनबाद पुलिस-प्रशासन की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। एक दशक पहले मनियाडीह में थाना निर्माण का निर्णय लिया गया। निर्माण कार्य शुरू हुआ। लेकिन,  नक्सलियों के खौफ के कारण ठेकेदार के आदमी बीच-बीच में काम छोड़कर भाग जाते हैं। नतीजतन, आज तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुए। दरअसल, पुलिस की मौजूदगी के कारण उस इलाके में नक्सलियों को आने जाने में परेशानी होती थी। यही वजह थी कि नक्सलियों ने पुलिस के विश्रामगृह को ही ध्वस्त कर दिया था। महत्वपूर्ण बात है कि सरकार राज्य के कई जिलों को नक्सल मुक्त करने की दिशा में जोरशोर से काम कर रही है। ऐसे में टुंडी पलमा में नक्सली खौफ अब भी प्रशासनिक पदाधिकारी महसूस कर रहे हैं। 
हार्डकोर नक्सली अजय महतो ने पलमा में फिर सक्रिय: टुंडी में नक्सली गतिविधियों की सूचना अक्सर छनकर लोगों के पास पहुंची थी। तकरीबन दो माह पूर्व ही हार्डकोर नक्सली अजय महतो उर्फ अजय दा पलमा में देखे गए थे। सूत्र बताते हैं कि अजय महतो ने पलमा में अपने कुछ सहयोगियों के साथ बैठक भी की थी।  

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