पर्यावरण अनुकूल खनन तकनीक के प्रति संजीदा होना जरूरी
देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए खनन उद्योगों की अहम भूमिका है। पर इससे जनमानस और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के पति संजीदा होना भी जरूरी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए खनन उद्योगों की अहम भूमिका है। पर इससे जनमानस और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के पति संजीदा होना भी जरूरी है। खनन की आधुनिक तकनीक को अपना कर इसे पर्यावरण अनुकूल बनाना होगा। भारतीय वैज्ञानिक इसके प्रति गंभीर हैं। आनेवाले समय में केंद्रीय खनन एवं ईधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) इस क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा। यह बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही।
वह शुक्रवार को सिंफर में आयोजित दो दिवसीय नेशनल सेमिनार के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। खनन की प्रौद्योगिकीय प्रगति और उभरती पद्धतियों पर आयोजित सेमिनार में राज्यपाल ने कहा कि धनबाद में आइआइटी आइएसएम, बीआइटी सिंदरी और बीसीसीएल जैसी कंपनियां हैं और इस वजह से सिंफर जैसे शीर्ष वैज्ञानिक संस्थान को यहां स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि सिंफर और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स धनबाद चैप्टर की ओर से आयोजित सेमिनार पर्यावरण अनुकूल खनन तकनीक विकसित करने का रोड मैप तैयार करेगा। इससे पूर्व उन्होंने स्मारिका का भी विमोचन किया। सिंफर निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने उन्हें पुस्तक व स्मृति चिन्ह भेंट किया। आयोजन सचिव एसके सिंह ने सेमिनार के उद्देश्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम में नॉर्दर्न कोलफिल्ड लिमिटेड के सीएमडी पीके सिन्हा, आइआइटी आइएसएम के निदेशक राजीव शेखर, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि के कुलपति डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य देश-विदेश के आए प्रतिनिधि मौजूद थे।
सिंफर पहुंची राज्यपाल ने यहां नये प्रशासनिक ब्लॉक और स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का उद्घाटन किया।