माफिया के शहर में मच्छर ही मच्छर, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मलेरिया की टीम भौंचक
Mosquitoes In Mafia Town Jharia धनबाद में केंद्रीय टीम को सबसे ज्यादा मच्छर झरिया इलाके में मिला है। टीम के सदस्यों की मानें तो यहां पर डेंगू चिकनगुनिया के साथ ही मलेरिया और फाइलेरिया फैलाने वाले मच्छरों की तादाद भी काफी संख्या में है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद का झरिया शहर। इस शहर की पहचान दो चीजों से बोती है। एक कोयला तो दूसरा माफिया। यहां के माफिया की चर्चा भी खूब होती है। इन दो चीजों के साथ एक और नई बात सामने आई है। धनबाद जिले में सबसे ज्यादा मच्छर झरिया में ही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम मच्छरों की जांच करने धनबाद आई थी। उसे जांच-पड़ताल के दाैरान सबसे ज्यादा मच्छर झरिया में ही मिले हैं। इस बात की चर्चा खूब हो रही है।
धनबाद से रांची रवाना हुई टीम
धनबाद आई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मलेरिया रिसर्च की टीम का 6 दिनों का कार्य धनबाद में पूरा हो गया। निरीक्षण और सर्वे के बाद 6 सदस्य टीम रांची के लिए रवाना हो गई है। वहां से टीम दिल्ली जाएगी। धनबाद दाैरे दाैरान टीम ने तोपचांची, टुंडी, झरिया और बलियापुर में मलेरिया और फाइलेरिया फैलाने वाले मच्छरों की जांच की और सैंपल लिए। टीम का नेतृत्व डॉक्टर राजेश एम राव कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मलेरिया रोधी अभियान के तहत फरवरी में धनबाद में दवा खिलाई जाएगी।
सबसे ज्यादा मच्छर झरिया इलाके में
धनबाद में केंद्रीय टीम को सबसे ज्यादा मच्छर झरिया इलाके में मिला है। टीम के सदस्यों की मानें तो यहां पर डेंगू चिकनगुनिया के साथ ही मलेरिया और फाइलेरिया फैलाने वाले मच्छरों की तादाद भी काफी संख्या में है। दरअसल इन इलाकों में कई जगहों पर काफी गंदगी पाई गई है। यहां पर विभिन्न प्रकार के मच्छरों के उत्पन्न होने का बड़ा स्रोत है। यही वजह है कि इन इलाकों में मच्छरों का प्रकोप काफी ज्यादा है। वार्ड नंबर 37 में कई जगहों पर मच्छर के सैंपल पाए गए। इसी के अलावा दूसरे वार्ड में भी बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की काफी तादाद मिली।
फरवरी में जिले में फिर से खिलाई जाएगी दवा
टीम की मानें तो फरवरी में धनबाद में 20 लाख से ज्यादा लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए सभी प्रखंडों में माइक्रो प्लान बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। टीम के सदस्यों ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने से ऐसे मच्छर से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिला में वैसे जगहों पर फाइलेरिया के मरीज ज्यादा पाए गए हैं, जहां पर दवा का सेवन नहीं किया गया है। अब अभियान के तहत ऐसे जगहों पर लोगों को घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी।