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चांद पर चंद्रयान-2 के सफर से IIT-ISM गदगद, इस संस्थान के रिसर्च स्कॉलर धरवेंद्र बड़ी भूमिका में Dhanbad News

इसरो के वैज्ञानिक तथा आइआइटी आइएसएम के रिसर्च स्कॉलर धरवेंद्र यादव चंद्रयान-2 में बतौर ऑपरेशन मैनेजर शामिल हैं। धरवेंद्र इस मिशन में रियल टाइम डाटा संग्रह का काम कर रहे हैं।

By mritunjayEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 10:51 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 10:51 AM (IST)
चांद पर चंद्रयान-2 के सफर से IIT-ISM गदगद, इस संस्थान के रिसर्च स्कॉलर धरवेंद्र बड़ी भूमिका में Dhanbad News
चांद पर चंद्रयान-2 के सफर से IIT-ISM गदगद, इस संस्थान के रिसर्च स्कॉलर धरवेंद्र बड़ी भूमिका में Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन लगातार अंतरिक्ष में सफलता के झंडे लहरा रहा है। चंद्रयान-2 मिशन की शुरुआती सफलता ने पूरी दुनिया के सामने भारत को गौरान्वित किया है। चंद्रयान-2 के मिशन पर गर्व की एक और भी वजह है, वो यह कि चंद्रयान-2 जैसे महत्वाकांक्षी मिशन में धनबाद स्थित आइआइटी आइएसएम के युवा वैज्ञानिक धरवेंद्र यादव का नाम भी जुड़ा है।

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इसरो के वैज्ञानिक तथा आइआइटी आइएसएम के रिसर्च स्कॉलर धरवेंद्र यादव चंद्रयान-2 में बतौर ऑपरेशन मैनेजर शामिल हैं। धरवेंद्र इस मिशन में रियल टाइम डाटा संग्रह कर इसे मिशन कंट्रोल सेंटर ऑफ इंडिया तक भेजने का अहम काम करते हैं। इसके अलावा अर्थ स्टेशन के डाटा अपडेट करने के साथ जरूरी परीक्षण भी कर रहे हैं। चंद्रयान-2 के लिए अलग-अलग फेज में डाटा और टेलीकमांड सपोर्ट का भी काम इन्हीं के जिम्मे है।

उत्तर प्रदेश लखनऊ के टेक्निकल यूनिवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई कर चुके धरवेंद्र टुंडला के रहने वाले हैं। फिलहाल धरवेंद्र यादव आइआइटी आइएसएम में इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के रिसर्च स्कॉलर हैं। इसरो की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में अपना योगदान दे चुके धरवेंद्र को भौतिक विज्ञान और गणित में काफी रुचि थी। बचपन से ही नासा और इसरो के बारे में अखबार में छपी खबरों या अन्य जानकारियों की कटिंग काटकर अपने पास रखते थे। बीटेक के बाद इसरो में नौकरी आवेदन किया और वहां वैज्ञानिक बन गए। आज भारत की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण परियोजना चंद्रयान-2 की टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने हैं। 

धरवेंद्र ने न केवल संस्थान का बल्कि पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है। चंद्रयान-2 मिशन की सफलता के बाद चंद्रमा के बारे में समझ बढ़ेगी। यह भारत के साथ पूरी मानवता के हित में होगा।

- प्रो. राजीव शेखर, निदेशक आइआइटी आइएसएम, धनबाद-


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