मतदान के रुझानों में साफ नहीं चिरकुंडा की तस्वीर
दलीय आधार पर चिरकुंडा नगर परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होने के बावजूद रुझानों में तस्वीर साफ नहीं है।
मृत्युंजय पाठक, चिरकुंडा: दलीय आधार पर चिरकुंडा नगर परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होने के बावजूद रुझानों में तस्वीर साफ नहीं है। मतदान के बाद पहले से जीत का दावा करनेवाले प्रमुख प्रत्याशियों के चेहरे से चमक गायब हैं।
चिरकुंडा नगर परिषद के अध्यक्ष पद के सात और उपाध्यक्ष पद के 14 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में लॉक हो गई। चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र में मतदान के लिए बनाए गए 42 मतदान केंद्रों पर सोमवार को मतदान के दौरान दिखे रुझानों के अनुसार अध्यक्ष पद का मुकाबला भाजपा के डबलू बाउरी, कांग्रेस के मुरली तुरी और मासस के अंबिका पासवान के बीच रहा। परिणाम में ऊंट किस करवट बैठेगा, कहना मुश्किल है। बालक हिन्दी मध्य विद्यालय, चिरकुंडा में बने बूथ नंबर-2 से मतदान कर निकले विमल गोस्वामी से जब पूछा गया कि पलड़ा किसका भारी है तो उन्होंने माथा पकड़ लिया। थोड़ी देर सोचने के बाद समीकरण को समझाते हुए कहा कि चुनाव में बगावत, पैसे का खेल और भाषा-भाषी के दांव ने सारे समीकरण बिगाड़ दिए हैं। हार-जीत का आकलन बेकार है। 20 को मतगणना होने तक दावे के साथ कुछ भी नहीं कहा जा सकता। बूथ नंबर-37 (मध्य विद्यालय कापासारा, चिरकुंडा) पर मताधिकार का प्रयोग कर निकले सुभाष बाउरी ने दावा किया कि भाजपा के डबलू बाउरी अध्यक्ष का चुनाव जीत रहे हैं। हालांकि उपाध्यक्ष के सवाल चुप्पी साध ली। बूथ नंबर-12 (नंदलाल इंस्टीच्यूट चिरकुंडा) के बाहर खड़े अलताफ हुसैन ने कांग्रेस प्रत्याशी मुरली तुरी की जीत का दावा किया। बूथ नंबर-35 (उर्दू प्राथमिक विद्यालय, सोनार डंगाल) से मतदान कर बाहर निकले रमेश प्रसाद ने कहा कि बदलाव के लिए मतदान किया है। उनका इशारा मासस के अंबिका पासवान की तरफ था।
रुझानों में अध्यक्ष का मुकाबला जहां त्रिकोणीय दिखा, वहीं उपाध्यक्ष की लड़ाई बहुकोणीय हो गई है। भाजपा के जय प्रकाश सिंह, झामुमो के माणिक लाल गोराई, मासस के दीपक कुमार चटर्जी, कांग्रेस के अबदाल अहमद, बसपा के सुमामा औसाल, निर्दलीय संदीप चटर्जी, निर्दलीय रंजीत मिश्रा के पक्ष में रूझान दिखा। उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी अपने-अपने इलाके में पक्ष में मतदान कराने में सफल रहें। इससे कई प्रत्याशियों के गणित बिगड़ गए। मतदान के बाद प्रत्याशी बिगड़े गणित को समझने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उपाध्यक्ष का चुनाव बहुकोणीय होने के कारण गणित और उलझता जा रहा है जो 20 अप्रैल को मतदान के दिन ही सुलझेगा।
नगर-निकाय का चुनाव होने के कारण उम्मीद की जा रही थी कि मतदान 70 प्रतिशत से ऊपर जाएगा लेकिन 59.43 प्रतिशत पर ही अटक गया। मतदान के दौरान किसी भी मतदान केंद्र पर लंबी कतार नहीं दिखी। 34,678 में 20,501 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। अध्यक्ष पद के 7 और उपाध्यक्ष पद के 14 प्रत्याशियों के बीच ईवीएम में लॉक वोट बंटेंगे। 5 हजार वोट हासिल करने वाला अध्यक्ष और साढे़ तीन हजार मत लानेवाला चुनाव जीत सकता है।