Coronavirus Effect: 50 वर्षों में पहली बार गुरुपर्व पर नहीं निकलेगा नगर कीर्तन, अबकी बार ऑनलाइन सदभावना कार्यक्रम
Coronavirus Effect धनबाद में नगर कीर्तन में हर वर्ष धनबाद जिले के लगभग 18 हजार सिख संगत शामिल होती रही है। इसमें पंजाब से गतका पार्टियां और शबद कीर्तन करने वाले रागी जत्थे पहुंचते रहे हैं। इस बार बेहद सादे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। गु
धनबाद [ आशीष सिंह ]। कोरोना संक्रमण ने इस बार सभी पर्व त्योहारों को समेट कर रख दिया। हर धर्म इस बार एहतियात बरत रहा है। सिखों के प्रथम गुरु श्रीगुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व यानी गुरुपर्व पर अबकी बार नगर कीर्तन नहीं निकलेगा। 30 नवंबर को गुरुपर्व है। इस अवसर पर हर वर्ष धनबाद में गुरुपर्व पर एक-दो दिन पहले झरिया के कोइरीबांध से बैंक मोड़ तक नगर कीर्तन यानी शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। यह परंपरा 1960 से चली आ रही है। इस बार पहली बार है कि इन 50 वर्षों में नगर कीर्तन नहीं निकलेगा। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए आयोजनकर्ता बैंक मोड़ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने नगर कीर्तन नहीं निकालने का निर्णय लिया है।
नगर कीर्तन में हर वर्ष धनबाद जिले के लगभग 18 हजार सिख संगत शामिल होती रही है। इसमें पंजाब से गतका पार्टियां और शबद कीर्तन करने वाले रागी जत्थे पहुंचते रहे हैं। इस बार बेहद सादे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष तेजपाल सिंह ने बताया कि नगर कीर्तन नहीं निकलेगा। गुरुपर्व के दिन गुरुद्वारा के मुख्य सभागार में दीवान सजेगा। इस दौरान हर वर्ष होने वाले सदभावना दिवस भी ऑनलाइन होगा। इसका समय सुबह 10:30 से 12:30 बजे रखा गया है। यह कार्यक्रम 29 नवंबर को होगा। सभी सिख समुदाय अपने अपने घरों में दीये जलाएंगे।
ऐसे निकलता रहा है नगर कीर्तन
पिछले वर्ष श्रीगुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर दो दिवसीय विशेष समागम का आयोजन किया गया था। झरिया के कोइरीबांध गुरुद्वारा से बैंक मोड़ गुरुद्वारा तक नगर कीर्तन निकला था। यह विभिन्न मार्गों से होता हुआ बैंक मोड़ स्थित बड़ा गुरुद्वारा साहिब में आकर संपन्न हुआ। शहीद बाबा दीप सिंह इंटरनेशनल गतका मोहाली पंजाब एवं शहीदों की झांकी ने नगर कीर्तन की शोभा बढ़ाई थी। पायलट वैन, एंबुलेंस, खालसा मिडिल स्कूल के बच्चे का बैंड, शबदी जत्था, भुजंगी जत्था, पंज प्यारे एवं फौजी बैंड भी विशेष आकर्षण थे। दस गुरु साहिबान के तैल्य चित्र भी सुशोभित थे। जगह-जगह विभिन्न संस्थाओं की ओर से स्वागत, छबील आदि की व्यवस्था की गई थी। 50 से अधिक तोरणद्वार ने नगर कीर्तन का स्वागत किया था। इसके बाद बड़ा गुरुद्वारा परिसर में विशेष दीवान भी सजाया गया।
यह था नगर कीर्तन का रूट
झरिया कोइरीबांध से नगर कीर्तन आरंभ होगर बाटामोड़, देशबंधु सिनेमा, मातृसदन, लालबाजार, लक्षमनिया मोड़, कतरास मोड़ तक यहां से गाड़ियों के जरिए बस्ताकोला, धनसार मोड़, कुमार टॉकिज होते हुए जोड़ाफाटक सचदेवा भवन और इसके बाद शक्ति मंदिर, गुरुनानकपुरा गुरुद्वारा, पानी टंकी, बैंक मोड़ होते हुए बड़ा गुरुद्वारा बैंक मोड़।
ऑनलाइन सदभावना दिवस का कार्यक्रम
बैंक मोड़ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और गुरुनानक कॉलेज के सौजन्य से सदभावना दिवस का आयोजन ऑनलाइन सुबह 10:30 से 12:30 के बीच 29 नवंबर को होगा। कार्यक्रम की शुरुआत गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष तेजपाल सिंह कार्यक्रम की भूमिका से करेंगे। इसके बाद जीएन कॉलेज के छात्र शबद प्रस्तुत करेंगे। तत्पश्चात कॉलेज के प्राचार्य पी. शेखर कार्यक्रम के उद्देश्य की जानकारी देंगे। इस दौरान पांच विशिष्ट अतिथि गुरुनानक देव जी के उपदेशों को साकार करते हुए देश में कैसे सदभावना कायम रहें इस पर अपनी बात रखेंगे। इसमें सेंट अल्बर्ट कॉलेज रांची के प्रोफेसर चंद्रकांत कुमार, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के प्रोफेसर एन नकवी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पी.शाह, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरिशंकर प्रसाद और पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के पूर्व वीसी डॉ.जसपाल सिंह अपने विचार रखेंगे।