Corona का असर : मीट-मुर्गा का 50 प्रतिशत तक गिरा कारोबार, 140 से 100 रुपये पर पहुंचा चिकन का दाम Dhanbad News
चीनी वायरस कोरोना का असर धनबाद के मांस बाजार पर देखने को मिल रहा है। इसके कारण फरवरी माह में लगभग 50 प्रतिशत कारोबार गिर गया है।
धनबाद, जेएनएन। चीनी वायरस कोरोना का भय कोयलांचल के मांसाहार बाजार पर देखने को मिल रहा है। इसके कारण फरवरी माह में लगभग 50 प्रतिशत कारोबार गिर गया है। बंगाल से प्रतिदिन करीब 36 गाड़ियों की जगह अब 9-10 गाड़ी मुर्गियां ही आ रही है। एक गाड़ी में दो टन के आसपास मुर्गियां रहती हैं। ऐसे में पहले 18 गाडियों में 36 टन के आसपास मुर्गियां आती थी। लेकिन, कोरोना के भय से अब 9-10 गाड़ी ही बंगाल से धनबाद पहुंच रही है।
इधर, हॉलसेल से लेकर खुदरा बाजार में एक स्थिति देखने को मिल रही है। जनवरी में मुर्गा की कीमत (गोटा) 120 रुपये के आसपास थी। वहीं, अब इसकी कीमत 100 रुपये आ गया है। मुर्गा (कटा हुआ) 160 से घटकर 130-140 पर आ गया है। कई जगहों पर खस्सी मीट 560 से घटकर 500-540 पर आ गया है। इसके बावजूद ग्राहक दुकान पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। फिलहाल शादी का सिजन है, फिर भी बाजार फीकी है।
एटा-इटावा से आने वाले खस्सी पर भी असर
वासेपुर के वाजिद बताते हैं कि अधिकांश खस्सी उतर प्रदेश के एटा व इटावा क्षेत्र से आते हैं। लेकिन इसका कारोबार फिलहाल प्रभावित हो गया है। खस्सी बाजार पर भी कोरोना का असर है। जिसके कारण लगभग 40 प्रतिशत प्रभावित है। हर 15 दिनों तक दो गाडियां खस्सी की आती है। एक गाड़ी में लगभग 30 क्विंटल खस्सी आते हैं, लेकिन फरवरी में एक गाड़ी खस्सी आ पाये हैं।
होली पर भी असर की आशंका : कारोबारियों ने आशंका जतायी है कि मीट-मुर्गा को लेकर इसका असर होली पर भी पड़ सकता है। धनबाद के लगभग 150 पोल्ट्री फार्म में उत्पादन कम किया जा रहा है। इसका असर होली पर पड़ने की संभावना है।
सोशल मीडिया में अफवाह की भरमार : कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया में मीट-मुर्गियां को लेकर खूब अफवाह है। कई लोग फेक फोटो बना कर बता रहे हैं कि मुर्गे में कोरोना आ गया है। खस्सी के मीट में आ गया है। ऐसे अफवाह से दुकानदार भी काफी परेशान है। दुकानदार बताते हैं कि हालांकि अभी तक पशु पालन व स्वास्थ्य विभाग से ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है, जिसमें खस्सी-मुर्गे से दूरे बनाने को कहा गया हो।
50 फीसदी तक कम हुई कमाई :
- कोरोना के भय के कारण लोग मुर्गा नहीं खरीद रहे हैं। 50 प्रतिशत कारोबार प्रभावित है। जबकि सरकार ने यह कहा है कि मुर्गा से कोरोना का कोई संबंध नहीं है। लोगों को अपने स्तर से भी जागरु जा रहा है। अफवाह के कारण कारोबार प्रभावित है। -डिंपू लाला, थोक विक्रेता (मुर्गा), कार्मिक नगर।
- मुर्गा की कीमत में तेजी से गिरावट दर्ज हो रही है। पहले 120-130 रुपये गोटा बेच लेता था, लेकिन अब 100 रुपये बेचने पड़ रहे हैं। पांच हजार प्रतिदिन की जगह दो-ढाई हजार रुपये का काम हो पा रहा है। खस्सी का मीट 500 रुपये किलो बेच रहा हूं। -सोनू, खस्सी व मुर्गा के खुदरा विक्रेता, भूली रोड।