नगर निगम दामोदर नदी पर बनाएगा बराज, कोयलांचल को मिलेगा भरपूर पानी Dhanbad News
बराज बनने से पानी की स्टोरेज क्षमता बढ़ेगी। बराज बनने से आसपास पानी के फैलाव से एक से दो डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में कमी होगी वहीं ग्राउंड वाटर लेवल भी रिचार्ज होगा।
धनबाद [आशीष सिंह]। आने वाले दिनों में शहर को पानी की समस्या से दो चार नहीं होना पड़़ेगा। नगर निगम अपनी महत्वाकांक्षी योजना के तहत दामोदर नदी पर बराज बनाने जा रहा है। इससे शहर को तो पीने के लिए भरपूर पानी मिलेगा ही, साथ ही सिंचाई की समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाएगी। जामाडोबा के आसपास बनने वाले इस बराज से सीधे तौर पर डिगवाडीह से कतरास और जामडोबा से सबलपुर-दामोदरपुर तक परोक्ष रूप से 12 लाख लोगों की प्यास बुझेगी।
नगर निगम ने माडा के तकनीकी मैनेजर को इसका खाका खींचने का निर्देश दिया है। जामडोबा के पुराने वाटर प्लांट और एलएंडटी के नवनिर्मित 143 एमएलडी (मिलियंस ऑफ लीटर पर डे) वाटर प्लांट को भरपूर पानी मिल सके, इसके लिए इनके आसपास ही बराज बनाने पर सहमति बनी है। फिलहाल माडा को टास्क दे दिया गया है, स्थल चयन के बाद आगे की प्रक्रिया नगर निगम शुरू करेगा। इस बराज की क्षमता 40 लाख क्यूबिक मीटर होगी।
बैराज के मायने और इसके फायदेः बराज बनने से पानी की स्टोरेज क्षमता बढ़ेगी। बराज बनने से आसपास पानी के फैलाव से एक से दो डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में कमी होगी, वहीं ग्राउंड वाटर लेवल भी रिचार्ज होगा। पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए जल की भरमार। सिंचाई के लिए भी मौसम पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके अलावा विद्युत उत्पादन। बाढ़ नियंत्रण और पर्यटन स्थल बनाए जाने के लिए बराज और बांध काफी अच्छे साबित होते हैं।
फैक्ट फाइल
- शहर में सिर्फ मैथन से प्रतिदिन 77 एमएलडी (मिलियंस ऑफ लीटर पर डे) जलापूर्ति।
- साढ़े तीन से चार लाख आबादी को मिलता है पानी।
- जामाडोबा वाटर प्लांट से प्रतिदिन 43 एमएलडी जलापूर्ति।
- डिगवाडीह से कतरास तक लगभग दस लाख आबादी की बुझती है प्यास।
- जामाडोबा में बने एलएंडटी के 143 एमएलडी क्षमता वाले वाटर प्लांट से शीघ्र जलापूर्ति।
- इससे जामाडोबा से सबलपुर-दामोदरपुर तक लगभग 12 लाख आबादी को मिलेगा पानी।
- नगर क्षेत्र में प्रतिदिन 16 लाख की प्यास बुझाने के लिए 245 मिलियन लीटर पानी की जरूरत।
- कोलियरी क्षेत्रों में बीसीसीएल 3 लाख 40 हजार 120 गैलेन पानी प्रतिदिन बहा रही।
वर्तमान में मिल रहे पानी से शहरवासियों के लिए पेयजल की पूर्ति संभव नहीं है। बराज बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। माडा के तकनीकी मैनेजर (टीएम) के साथ इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। टीएम को बराज बनाने के लिए स्थल चयन की जिम्मेवारी दी गई है। वैसे भी दामोदर का पानी बहुत ज्यादा उपयोग में नहीं आ पा रहा है। बराज बनने से धनबाद की सूरत बदल जाएगी।
- चंद्र शेखर अग्रवाल, मेयर