Jharkhand: हूल दिवस से पहले भोगनाडीह का राजनीतिक माहाैल गर्म, अनिश्चितकालीन धरना पर सिदो-कान्हू के वंशज
रामेश्वर मुर्मू का खेत में शव मिला था। परिवार वालों का आरोप है कि उनकी हत्या हुई है। इस मामले में रामेश्वर की पत्नी के बयान पर सद्दाम अंसारी के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई।
बरहेट, जेएनएन। संताल विद्रोह (हूल आंदोलन ) के नायक सिदो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या का मामला तूल पकड़ रहा है। झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के भोगनाडीह स्थित शहीद सिदो-कान्हो की प्रतिमा के सामने गुरुवार को सिदो-कान्हू के वंशज अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए। घोषणा की कि सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या की सीबीआइ जांच जब तक शुरू नहीं हो जाती है, तब तक वे लोग धरना पर बैठे रहेंगे। मृतक की एक पुत्री है और दो पुत्र। एक से आठ साल तक उनकी उम्र है। तीनों बच्चे जिया, बाबूधन एवं अंशु मुर्मू के साथ मृतक की पत्नी कपरो किस्कू धरना पर बैठी रही। गुमसुम। सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू, रुपचंद मुर्मू, भागवत मुर्मू समेत और लोग भी धरना के दौरान कहा कि सीबीआइ जांच शुरू होने तक वे लोग इस मसले पर विरोध दर्ज कराते रहेंगे।
सिदो-कान्हू और भोगनाडीह का झारखंड की राजनीति में खास स्थान है। आदिवासी समाज इन्हें अपने नायक के ताैर पर देखता है। भावनात्मक जुड़ाव है। यहां पर 30 जून को हूल दिवस पर झारखंड के मुख्यमंत्री सिदो-कान्हू को श्रद्धाजंलि देने के लिए आते रहे हैं। झारखंड खासकर संताल के नेताओं का यहां जमावड़ा लगता है। हूल दिवस से पांच दिन पूर्व भोगनडीह में आंदोलन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए परेशान करने वाला है। सोरेन बरहेट से विधायक हैं जिसके तहत भोगनाडीह गांव आता है। धरना स्थल पर कपरो किस्कू ने कहा कि उनके पति रामेश्वर मुर्मू की हत्या के मसले पर शासन ने अभी तक जो कुछ भी किया है, उससे उनका संदेह बढ़ता जा रहा है। जो भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बतायी जा रही है, उससे वो संतुष्ट नहीं हैं। सीबीआइ जांच होगी तभी हत्या का सच सामने आ सकेगा।
सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू ने कहा कि उनके पूर्वजों के नाम पर सिर्फ राजनीति होती रही है। जब इस परिवार पर संकट आता है तो कोई देखने तक नहीं आता है। उन्होंने कहा कि जब तक इस हत्याकांड का सच सामने नहीं आ जाता है तब तक हूल दिवस अथवा कोई और मौके पर सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए। एक और वंशज रुपचांद मुर्मू ने कहा कि जब तक सीबीआइ जांच शुरू नहीं होती है, तब तक हम लोग धरना पर डटे रहेंगे। धरना स्थल पर भागवत मुर्मू, चुंडा मुर्मू, बड़का मुर्मू, बाहा मुर्मू भी थे।
हूल दिवस पर सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं करने देंगे
सिदो कान्हू के वंशजों ने धरना के दौरान घोषणा की कि सीबीआइ जांच शुरू नहीं हुई तो 30 जून को हूल दिवस पर सार्वजनिक कार्यक्रम करने नहीं दिया जायेगा। सिदो कान्हू की प्रतिमा पर न किसी राजनेता को माल्यार्पण करने देंगे, न सरकारी अधिकारी को।
13 जून को मांझी टोला में मिला था रामेश्वर का शव
13 जून को भोगनाडीह के मांझी टोला के एक खेत में रामेश्वर मुर्मू का शव मिला था। 12 जून को वे घर से गए थे। परिजनों से कहा था कि बगल में जा रहे हैं। शव मिलने के बाद परिजनों ने मोमिन टोला के सद्दाम अंसारी पर हत्या करने का आरोप लगाया था। सद्दाम अंसारी ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है।
सरकार सिद्धो-कान्हू के वंशज की मौत की जांच सीबीआइ से कराने को तैयार
शहीद सिदो-कान्हू के वंशज की मौत को भाजपा द्वारा मुद्दा बनाए जाने के बाद स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सीबीआई के अधिकारियों को जांच के लिए दिल्ली से झारखंड जल्द भेजा जाए। यदि सीबीआई से भी कोई बड़ी जांच एजेंसी हो तो राज्य सरकार इस मामले में उससे भी जांच कराने को तैयार है। उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा इस मामले को तूल देने पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि झारखंड भाजपा के नेता इस प्रकरण में कूद पड़े हैं। उनका जवाब देना भी जरूरी है। बुधवार को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय रांची में में जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि सिदो-कान्हू के वंशज की मौत के मामले में भाजपा ने सीबीआई जांच की मांग की है। इस पर सीएम ने कहा भाजपा जांच के लिए उत्साहित है तो सरकार भी पीछे नहीं हटने वाली है। इस मामले में जांच चल भी रही है और जल्द ही जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।