विधायक संजीव सिंह को लगी खानदानी बीमारी, कोर्ट ने भेजा कांके
विधायक संजीव को स्मृतिलोप की जो बीमारी लगी है वह खानदानी है। सिंह से पहले उनके चाचा बलिया जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन रामधीर सिंह को भी भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) हो चुकी है।
By mritunjayEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 12:20 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 05:52 PM (IST)
धनबाद, जेएनएन। बहुचर्चित बाहुबली दिवंगत सूरजदेव सिंह के पुत्र झरिया के विधायक संजीव सिंह को स्मृतिलोप (एमेंशिया) की बीमारी लगी है। उन्हें यह बीमारी 21 माह से जेल के अंदर रहने के दौरान हुई है। पीएमसीएच के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट की रोशनी में धनबाद कोर्ट के आदेश पर सोमवार को जांच और इलाज के लिए संजीव को रांची के कांके स्थित मानसिक रोग आरोग्यशाला (रिनपास) भेज दिया गया। अब रिनपास के चिकित्सक जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करेंगे। क्या सचमुच में स्मृतिलोप की बीमारी है या पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार की हत्या में आरोपित होने के बाद कानून के शिकंजे से राहत के लिए बहाना बना रहे हैंं?
बीमारी खानदानी इसलिए उठ रहे सवाल : विधायक संजीव सिंह को स्मृतिलोप की जो बीमारी लगी है वह खानदानी है। दरअसल, संजीव सिंह से पहले उनके चाचा बलिया जिला परिषद (यूपी) के पूर्व चेयरमैन रामधीर सिंह को भी भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) हो चुकी है। वह एक हत्या के मामले में फिलहाल होटवार जेल में सजा काट रहे हैं। संजीव को जो बीमारी हुई वह डिमेंशिया से थोड़ी गंभीर है। संजीव की तरह ही उनके बड़े भाई राजीव रंजन सिंह को भी भूलने की बीमारी हुई थी। चचेरे भाई धनबाद के डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह को भी कुछ इसी तरह की बीमारी है। सबकी बीमारी कोर्ट के संज्ञान में हैं। यूं कहें तो मुकदमों की पैरवी के दौरान सबने अधिवक्ताओं के माध्यम से अपनी-अपनी बीमारी की जानकारी कोर्ट को दी है।
मेडिकल बोर्ड ने बीमारी पकडऩे से खड़े किए हाथ : स्मृतिलोप की बीमारी की शिकायत के बाद कोर्ट के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉ. जेसी दास की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने धनबाद जेल में जाकर ने जांच की। रिपोर्ट में मेडिकल बोर्ड ने विधायक की बीमारी की पहचान के लिए कई तरह की जांच कराने की सिफारिश की है जो रिनपास में ही संभव है। जेल प्रशासन ने जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। इसके बाद विधायक के अधिवक्ता मो. जावेद ने जांच कराने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया। और कोर्ट ने इलाज के लिए कांके भेजने का आदेश जारी कर दिया।
बुलेट प्रूफ वाहन में बिठाकर भेजा गया रिनपास : भाजपा विधायक संजीव सिंह की जान को खतरा है। उन्हें यूपी के डॉन बृजेश सिंह से सबसे ज्यादा खतरा है। विधायक के बड़े भाई राजीव रंजन गुमशुदगी और हत्या में बृजेश का भी नाम उछला था। इसके साथ ही पारिवारिक विवाद के कारण कभी भी जानलेवा हमले हो सकते हैं। इसे देखते हुए सोमवार सुबह नौ बजे धनबाद जेल से बुलेट प्रूफ वाहन में बिठाकर भारी सुरक्षा के घेरे में कांके भेजा गया।
चार की हत्या में आरोपित, 21 माह से जेल में : धनबाद कोयलांचल में सबसे ताकतवर राजनीतिक घराना सिंह मेंशन का नेतृत्व करने वाले विधायक संजीव अपने चचेरे भाई पूर्व डिप्टी मेयर नीरज समेत चार की हत्या में आरोपित हैं। 21 मार्च 2017 को नीरज समेत चार लोगों को सरायढेला में गोलियों से भून दिया गया था। इसके बाद 11 अप्रैल 2017 से संजीव जेल में बंद हैं। इस मामले में धनबाद कोर्ट ने 3 जनवरी को चार्ज फ्रेम भी कर दिया है। अब ट्रायल होगा। वह अपने को निर्दोष साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
'जेल में रहने के कारण विधायक संजीव सिंह डिप्रेशन में चले गए हैं। कौन मिला, क्या बोला... उन्हें कुछ याद नहीं रहता। इस कारण वे जेल गेट पर अपने समर्थकों से मिल भी नहीं पा रहे हैं। वे डिप्रेशन से भी पीडि़त हैं और इसकी दवा का सेवन करते हैं। उन्हें एमेंशिया बीमारी हुई है। सही ढंग से इलाज नहीं हुआ तो भविष्य में उनकी जान पर भी बन सकती है।
-मो. जावेद, विधायक संजीव सिंह के अधिवक्ता
'यह कहना सही नहीं होगा कि विधायक संजीव सिंह कानून से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाते हैं। अधिक दिनों तक जेल में रहने के बाद अक्सर लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं। विधायक के साथ ही ऐसा हो सकता है। धनबाद में एमेंशिया और डिमेंशिया जैसी बीमारी की जांच की व्यवस्था नहीं है। रिनपास के चिकित्सक जांच कर बताएंगे कि उन्हें कौन सी बीमारी है? अगर चिकित्सकों ने बीमारी को सही पाते हुए विधायक को मानसिक रूप से अनसाउंड बताया तो उनके ठीक होने तक ट्रायल भी रुक सकता है। क्योंकि कानून कहता है कि मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के खिलाफ ही मुकदमे का ट्रायल चलेगा।
-ब्रजेंद्र सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता सह धनबाद जिला कांग्र्रेस अध्यक्ष
बीमारी खानदानी इसलिए उठ रहे सवाल : विधायक संजीव सिंह को स्मृतिलोप की जो बीमारी लगी है वह खानदानी है। दरअसल, संजीव सिंह से पहले उनके चाचा बलिया जिला परिषद (यूपी) के पूर्व चेयरमैन रामधीर सिंह को भी भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) हो चुकी है। वह एक हत्या के मामले में फिलहाल होटवार जेल में सजा काट रहे हैं। संजीव को जो बीमारी हुई वह डिमेंशिया से थोड़ी गंभीर है। संजीव की तरह ही उनके बड़े भाई राजीव रंजन सिंह को भी भूलने की बीमारी हुई थी। चचेरे भाई धनबाद के डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह को भी कुछ इसी तरह की बीमारी है। सबकी बीमारी कोर्ट के संज्ञान में हैं। यूं कहें तो मुकदमों की पैरवी के दौरान सबने अधिवक्ताओं के माध्यम से अपनी-अपनी बीमारी की जानकारी कोर्ट को दी है।
मेडिकल बोर्ड ने बीमारी पकडऩे से खड़े किए हाथ : स्मृतिलोप की बीमारी की शिकायत के बाद कोर्ट के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉ. जेसी दास की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने धनबाद जेल में जाकर ने जांच की। रिपोर्ट में मेडिकल बोर्ड ने विधायक की बीमारी की पहचान के लिए कई तरह की जांच कराने की सिफारिश की है जो रिनपास में ही संभव है। जेल प्रशासन ने जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। इसके बाद विधायक के अधिवक्ता मो. जावेद ने जांच कराने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया। और कोर्ट ने इलाज के लिए कांके भेजने का आदेश जारी कर दिया।
बुलेट प्रूफ वाहन में बिठाकर भेजा गया रिनपास : भाजपा विधायक संजीव सिंह की जान को खतरा है। उन्हें यूपी के डॉन बृजेश सिंह से सबसे ज्यादा खतरा है। विधायक के बड़े भाई राजीव रंजन गुमशुदगी और हत्या में बृजेश का भी नाम उछला था। इसके साथ ही पारिवारिक विवाद के कारण कभी भी जानलेवा हमले हो सकते हैं। इसे देखते हुए सोमवार सुबह नौ बजे धनबाद जेल से बुलेट प्रूफ वाहन में बिठाकर भारी सुरक्षा के घेरे में कांके भेजा गया।
चार की हत्या में आरोपित, 21 माह से जेल में : धनबाद कोयलांचल में सबसे ताकतवर राजनीतिक घराना सिंह मेंशन का नेतृत्व करने वाले विधायक संजीव अपने चचेरे भाई पूर्व डिप्टी मेयर नीरज समेत चार की हत्या में आरोपित हैं। 21 मार्च 2017 को नीरज समेत चार लोगों को सरायढेला में गोलियों से भून दिया गया था। इसके बाद 11 अप्रैल 2017 से संजीव जेल में बंद हैं। इस मामले में धनबाद कोर्ट ने 3 जनवरी को चार्ज फ्रेम भी कर दिया है। अब ट्रायल होगा। वह अपने को निर्दोष साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
'जेल में रहने के कारण विधायक संजीव सिंह डिप्रेशन में चले गए हैं। कौन मिला, क्या बोला... उन्हें कुछ याद नहीं रहता। इस कारण वे जेल गेट पर अपने समर्थकों से मिल भी नहीं पा रहे हैं। वे डिप्रेशन से भी पीडि़त हैं और इसकी दवा का सेवन करते हैं। उन्हें एमेंशिया बीमारी हुई है। सही ढंग से इलाज नहीं हुआ तो भविष्य में उनकी जान पर भी बन सकती है।
-मो. जावेद, विधायक संजीव सिंह के अधिवक्ता
'यह कहना सही नहीं होगा कि विधायक संजीव सिंह कानून से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाते हैं। अधिक दिनों तक जेल में रहने के बाद अक्सर लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं। विधायक के साथ ही ऐसा हो सकता है। धनबाद में एमेंशिया और डिमेंशिया जैसी बीमारी की जांच की व्यवस्था नहीं है। रिनपास के चिकित्सक जांच कर बताएंगे कि उन्हें कौन सी बीमारी है? अगर चिकित्सकों ने बीमारी को सही पाते हुए विधायक को मानसिक रूप से अनसाउंड बताया तो उनके ठीक होने तक ट्रायल भी रुक सकता है। क्योंकि कानून कहता है कि मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के खिलाफ ही मुकदमे का ट्रायल चलेगा।
-ब्रजेंद्र सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता सह धनबाद जिला कांग्र्रेस अध्यक्ष
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