दुष्कर्म के दोषी देवघर के सिराज अली को दस साल की जेल
सिराज पीडि़ता के घर बराबर आता जाता था। इसमें दोनों में नजदीकीयां बढ़ गईं। सिराज पीडि़ता से शादी करने का वादा कर उसे बहला-फ सलाकर उसके साथ यौनाचार करता था।
धनबाद, जेएनएन। शादी का प्रलोभन देकर युवती के साथ 6 वर्ष तक यौन उत्पीडऩ करने के आरोपित देवघर निवासी सिराज अली को अदालत ने दस वर्ष के कठोर कारावास एवं तीस हजार रूपये जुर्माने से दंडित किया है। 13 मार्च को अदालत ने सिराज को दोषी करार दिया था।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख निर्धारित की थी। हालांकि अदालत ने सिराज को जबरन गर्भपात कराने के आरोप से बरी कर दिया था। सिराज पीडि़ता के घर बराबर आता जाता था। इसमें दोनों में नजदीकीयां बढ़ गईं। सिराज पीडि़ता से शादी करने का वादा कर उसे बहला-फ सलाकर उसके साथ यौनाचार करता था। जब भी पीडि़ता शादी के लिए कहती है तो उसे विश्वास दिलाता था कि वह उसके साथ शादी करेगा।
पीडि़ता ने आरोप लगाया था की वर्ष 2012 में एक होटल में बुलाकर सिराज ने उसके साथ दुराचार किया था। जब वह गर्भवती हो गई तो सिराज ने दवा खिलाकर गर्भपात करा दिया। पीडि़ता की शिकायत पर महिला थाना धनबाद में 19 जून 14 को प्रााथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने 4 मार्च 15 को इस मामले में आरोप पत्र दायर किया था। 27 अप्रैल 16 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी। अपर लोक अभियोजक ओमप्रकाश तिवारी ने इस मामले में 7 गवाहों का परीक्षण कराया था।