जिंदों को बालू तस्करी की खुली छूट, मुर्दों के पीछे पड़ा खनन विभाग, जानिए पूरी कहानी
जिला खनन पदाधिकारी निशांत अभिषेक की तरफ से निरसा थाने में 17 नामजद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। 17 नामजदों में 13 लोगों की घटना से पहले ही मौत हो चुकी है।
निरसा, जेएनएन। बराकर और दामोदर नदी घाटों से बालू तस्करी आम बात है।खास बात यह है कि धनबाद जिले में बालू तस्करों के खिलाफ जो कार्रवाई की जा रही है वह अपने आप में विवादों में घिर गया है। जिंदा बालू तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मुर्दों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। निरसा थाना में खनन विभाग की तरफ से बालू के अवैध खनन के आरोप में 17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इनमें से 13 नामजद वर्षों पहले स्वर्ग सिधार चुके हैं।
क्या है मामलाः बराकर नदी घाट पर बालू के अवैध खनन और भंडारण के खिलाफ निरसा थाना क्षेत्र के मोराडीह मध्य विद्यालय व आसपास के क्षेत्रों में बीते दो फरवरी को छापेमारी हुई थी।खनन विभाग व एसडीएम राज महेश्वरम ने छापेमारी कर 50 हजार सीएफटी बालू जब्त किया था। इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी निशांत अभिषेक की तरफ से निरसा थाने में 17 नामजद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। 17 नामजदों में 13 लोगों की घटना से पहले ही मौत हो चुकी है। इस मामले को लेकर भाजपा नेता छोटू मिश्रा के नेतृत्व में मोराडीह के ग्रामीण शनिवार को निरसा थाना प्रभारी सुषमा कुमारी से मिले। थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि जिनकी मौत हो चुकी है। उनके परिजन उनके मृत्यु प्रमाण पत्र लाकर थाना को जमा करा दें। उसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
इन नामजद आरोपितों की हो चुकी है मौतः मोराडीह के ग्रामीणों ने बताया कि जिन 17 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। उनमें पीरू मंडल, भोला मंडल, नीमू मंडल, सुधीर मंडल, भरत मंडल, परी मंडलानी, रजनी मंडल, आशुतोष मंडल, बसंत कुमार मंडल, काशी नाथ मंडल, रतन मंडल, गोलक मंडल, एवं धीरेन मंडल की पूर्व में ही मौत हो चुकी है। फिर उन लोगों पर बालू चोरी का मामला किस आधार पर दर्ज किया गया। यह हम लोगों के समझ से परे है।
अंचल अधिकारी के सिर ठिकरा फोड़ रहा खनन विभागः इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया। परंतु उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया। इधर, खनन निरीक्षक पीके सिंह का कहना है कि पूर्वी टुंडी के अंचलाधिकारी की तरफ से दी गई जांच रिपोर्ट में यह बताया गया था कि उपरोक्त लोगों की जमीन पर बालू का भंडारण किया गया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर निरसा थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
खतियान को आधार बनाने से हुई गलतीः जानकारों का कहना है कि अंचल अधिकारी ने खतियान के आधार पर आरोपियों की सूची तैयार की। जिस जमीन पर बालू का भंडारण पाया गया उस रैयत का नाम प्राथमिकी में डाल दिया गया। यह जांच करने की जरूरत नहीं समझी गई कि रैयत जिंदा भी है या नहीं। आम ताैर पर यह होता है कि रैयत की मृत्यु के बाद बाद जमीन का कागजात वर्षों-बरस तक उसी के नाम पर रहता है। रसीद भी कटता रहता है।