तहखाना में मौत का कारखाना
मिल्लत अखाड़ा के सामने डेढ़ फीट की गली के भीतर बनता था हथियार
शरद पांडेय/सुमित अरोड़ा, धनबाद होरलाडीह में मिल्लत अखाड़ा के ठीक सामने अंधकार ओढ़ी महज डेढ़ फीट की संकरी गली में 50 फीट की दूरी तय करने के बाद दाहिने तरफ पक्के मकान में तहखाना के भीतर मौत का कारखाना बनाया गया था। मकान के दूसरे तरफ भी संकरी गली। मकान में प्रवेश करने पर कुछ मशीन दिख जाएगी। प्रथम दृष्टया ऐसा लगेगा कि लैथ मशीन में कुछ काम होता होगा। सब कुछ सामान्य। झरिया बाजार से पकड़ाए साबिर ने मकान में अवैध हथियार बनाने के कारखाना तक जाने वाला तहखाना दिखाया तो एसएसपी किशोर कौशल चौंक गए। सब कुछ किसी फिल्मी कहानी की तरह। कमरे के एक हिस्से में रखी चौकी हटाई गई तो बोरा बिछाया मिला। बोरा हटा तो लोहा की वर्गाकार मोटी चादर फर्श पर रखी मिली। दो जवानों ने मिल कर लोहे की चादर हटाई तो तहखाना में जाने का रास्ता। दीवार में बनाई गई लोहे की सीढ़ी। एसएसपी खुद भीतर गए तो झोला में हथियार, फर्श पर तैयार होते पिस्टल, पिस्टल को बनाने के लिए रखी पाइप। एसएसपी किशोर कौशल तमतमा उठे। अवैध हथियार बनाने वालों को धमकी दी कि और हथियार कहां छिपा कर रखे हो, अगर नहीं बताया तो एनकाउंटर कर देंगे। मौत का सामान बनाने वालों के सामने अधीनस्थ अफसरों को निर्देश दिए कि एक घंटा के भीतर सारे राज नहीं खोलते हैं तो जंगल में ले जाकर उड़ा देना। एसएसपी के नेतृत्व में छापामारी के डेढ़ घंटा बाद सिटी एसपी पियूष पांडे आए। पकड़ाए लोगों की पिटाई हो रही थी। उन लोगों ने उगल दिया कि सामने के घर में भी हथियार रखे हुए हैं। 25 से 30 तैयार हथियार मिले। 75 अर्ध निर्मित आग्नेयास्त्र पकड़े गए। डीएसपी (लॉ एंड आर्डर) मुकेश कुमार, सिंदरी एसडीपीओ प्रमोद केशरी, झरिया थानेदार रणधीर सिंह के साथ एसएसपी किशोर कौशल ने होरलाडीह में रात सवा 9 बजे प्रवेश किया तो खलबली मच गई। तहखाना में मुंगेर से आए चार कारीगर मिल गए तो पुलिस ने उन पर दबिश बढ़ाई। एक घंटा के भीतर छापामारी का पहला चरण पूरा हो गया था। रात साढ़े दस बजे एसएसपी निकल गए। ग्यारह बजे सिटी एसपी पियूष पांडेय आए। इसी बीच किसी मुखबिर ने सूचना दी कि डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर एक और मिली गन फैक्टरी है। फिर पुलिस हरकत में आई। वहां दरवाजा तोड़ा गया तो तैयार हथियार मिल गए। तैयार कल पुर्जे मिले। कारीगर बोले कि इन कल पुर्जों से महज दो से तीन दिन के भीतर 75 पिस्टल समेत अलग अलग तरह के हथियार तैयार हो जाएंगे। मोहल्ला के कुछ लोगों को भनक थी कि अवैध हथियार बनाए जाते हैं। मगर इतने? उन्हें भी अनुमान नहीं था। सफेद हो चुकी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए एक बुजुर्ग बोले, जैसी करनी वैसी भरनी।