Weekly News Roundup Dhanbad: एक बार फिर 'काला पत्थर', जाबांज खदान में उतरे तो सहम गया चासनाला
फेसबुक के जरिये उन लोगों को पता लगा कि लॉकडाउन में बंदी के कारण दुकानों में बीयर की बोतलें रह गयी थी। अब दुकानें खुली हैं तो पुरानी बोतलें बिक रही हैं।
धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया (सेल) की चासनाला में कोयला खदान है। कभी वह निजी खदान होती थी। 1975 में इसी खदान में पानी भर जाने से 375 लोगों की जान चली गयी थी। इतना बड़ा हादसा था कि उस पर काला पत्थर फिल्म बनी थी। शुक्रवार को फिर उस खदान में खतरे का सायरन बज गया। वही आवाज। हादसा हो गया था। अचानक सैकड़ों लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया, उसी तरह जैसा काला पत्थर मूवी में लोग दिखे थे। किसी को कुछ पता नहीं चल रहा था कि भीतर क्या हुआ है। जैसे काला पत्थर में अमिताभ बच्चन एवं शत्रुघ्न सिन्हा खदान में उतरे थे, वैसे ही तीन चार जाबांज लोग खदान में गये। चार घंटे के बाद महताब आलम नामक एक ठेका मजदूर की लाश बाहर आयी। वह बंकर में गिर गया था। सैकड़ों टन कोयले के ढेर के तले दब गया था।
सिर्फ मजदूर नहीं, तनाव में साहब भी
जल्द पचास कोल ब्लॉक की नीलामी होगी। निजीकरण की तरफ बड़ा कदम। जनता मजदूर संघ, धनबाद कोलियरी मजदूर संघ, राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ, झारखंड कोलियरी श्रमिक यूनियन, झारखंड मजदूर यूनियन, यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन जैसे मजदूर संगठनों को विरोध करना था। किया भी। मजदूर संगठनों का विरोध प्रदर्शन तो सबको दिखा। कोयला भवन में बैठने वाले साहब भी प्रतिस्पर्धा की आहट से हांफने लगे हैं। बीसीसीएल के सीएमडी पी एम प्रसाद, निदेशक चंचल गोस्वामी, राकेश कुमार, आर एस महापात्रा, एस दत्ता के अलावा सभी महाप्रबंधक जानते हैं कि निकट भविष्य में उनके कामकाज का मूल्यांकन कोयला खदान चलाने वाली निजी कंपनियों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर होगा। कोयला भवन के भीतर जिधर जाइये, खुसफुसाहट है कि निजी कंपनियों के कोयला मार्केट में आने के बाद पावर प्लांट में पत्थर मिला कोयला भेजा गया तो तुरंत वापस होगा। वाकई। टेंशन में सब हैं।
ये 'जाम' तो जान ले लेंगे
'जाम पर जाम पीने से क्या फायदा, ना जख्म भरे न सहारा बनी, यह तो एक्सपायरी है, इसके जाम तो जान ले लेंगे।' धनबाद बस पड़ाव के नजदीक एक युवक बीयर खरीदने गया तो उसकी जुबान पर यह शायरी थी। बीयर लेने के बाद उसने निर्माण की तिथि देखी। आश्वस्त हुआ कि वह एक्सपायरी नहीं हुई है। पारा 40 पार कर रहा था। सो, तीन चार और युवक बीयर के लिए आये थे। उन लोगों ने भी एक्सपायरी पर जिज्ञासा जतायी। एक्सपायरी देखने वाले युवक ने फेसबुक खोली। जामताड़ा के किसी रवि मंडल ने एक्सपायरी बीयर बेचने का पूरा किस्सा बयान किया था। फेसबुक के जरिये उन लोगों को पता लगा कि लॉकडाउन में बंदी के कारण दुकानों में बीयर की बोतलें रह गयी थी। अब दुकानें खुली हैं तो पुरानी बोतलें बिक रही हैं। एक युवक बुदबुदाया, ये जाम तो जान ले लेंगे।
हैलो डेल्टा चार्ली, हैलो डेल्टा सायरा
टुंडी के माओवादियों ने वायरलेस पर पुलिस के संदेश को पकडऩा शुरू कर दिया था तो मोबाइल का प्रयोग बढ़ गया था। अब अत्याधुनिक तकनीक के वायरलेस तैयार हो चुके हैं जिन पर चल रही बातचीत को पकड़ना आसान नहीं होगा। सो, नये पुलिस कप्तान के आने के बाद फिर वायरलेस का जमाना लौटने लगा है। पहले भी थाना और पुलिस की गाडिय़ों में वायरलेस सेट थे। उपयोग नाम मात्र का था। पुलिस कप्तान अखिलेश बी वारियर ने फरमान सुनाया है कि अब अधिकतर सूचनाओं का आदान-प्रदान वायरलेस के जरिये होगा। यदि कोई अपराध होता है तो वायरलेस के जरिए आसपास के सारे थानों को सूचना दी जायेगी। सुबह आठ बजे से वारियर खुद वायरलेस पर निर्देश देना शुरू कर दे रहे हैं। डीएसपी से लेकर थानेदार को हर वक्त सजग रहना पड़ रहा है कि न जाने वायरलेस पर क्या मैसेज आ जाय।