हर्ल में 70 फीसद स्थानीय को मिलेगी नौकरी
हर्ल प्रबंधन से समझौता के बाद मासस का चक्का जाम आंदोलन समाप्त
संवाद सहयोगी, सिदरी : स्थानीय को रोजगार, न्यूनतम मजदूरी सहित अन्य मांगों को लेकर मार्क्सवादी समन्वय समिति का हर्ल का चक्का जाम आंदोलन सोमवार शाम एसडीओ की मध्यस्थता से समाप्त हो गया। हर्ल कारखाना के मुख्य प्रवेश द्वार पर एसडीओ राज महेश्वरम ने सैकड़ों मासस समर्थकों के समक्ष कहा कि हर्ल में जितने लोग प्रोजेक्ट निर्माण के काम में रखे जाएंगे, उनमें 70 फीसदी स्थानीय होंगे। प्रोजेक्ट निर्माण में काम कर रहे बाहरी लोगों को हर्ल प्रबंधन धीरे-धीरे छंटनी करेगा। उनके स्थान पर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगा। एसडीओ की घोषणा का मासस समर्थकों ने स्वागत किया।
मासस के निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मामले में हर्ल प्रबंधन से समझौता ऐतिहासिक जीत है। खाद कारखाना के निर्माण में जिन लोगों की जमीन गई है, उनको रोजगार मिलना चाहिए था। बंद खाद कारखाना के जिन कर्मचारियों की नौकरी गई. उनके आश्रितों को रोजगार अधिकार है।
वार्ता में विधायक अरूप चटर्जी के अलावा मायुमो के बबलू महतो, निताई महतो, नृपेंद्र झा आदि थे। इसके पूर्व मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो के नेतृत्व में सोमवार की सुबह छह बजे से सैकड़ों समर्थकों ने हर्ल कारखाना के मुख्य प्रवेश द्वार, प्रशासनिक भवन और डोमगढ़ मेटेरियल गेट पर धरना देकर चक्का जाम कर दिया था। आनंद ने कहा कि जब तक स्थानीय लोगों को रोजगार के मामले में निर्णय नहीं हो जाता।
विधायक अरूप 10 बजे आंदोलन स्थल पर पहुंचे। हर्ल प्रबंधन से वार्ता हुई। हर्ल प्रबंधन रोजगार देने में टालमटोल की। चक्का जाम आंदोलन जारी रहा। इसके बाद उपायुक्त के निर्देश पर एसडीओ धनबाद से सिदरी पहुंचे। शाम को हर्ल प्रबंधन व मासस नेताओं के बीच वार्ता में समझौता हुआ। 12 घंटे बाद चक्का जाम आंदोलन समाप्त हो गया। बता दें कि मासस कार्यकर्ता 11 सितंबर से सिदरी में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।