Move to Jagran APP

सचमुच! महिलाएं ही नहीं पुरुष भी होते प्रताड़ित

प्रताड़ित महिलाएं ही नहीं पुरुष भी होते हैं। इस सोच के साथ सेव इंडियन फैमिली संस्था पुरुषों के अधिकारों के लिए पूरे देश में लड़ाई लड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 01:17 PM (IST)
सचमुच! महिलाएं ही नहीं पुरुष भी होते प्रताड़ित
सचमुच! महिलाएं ही नहीं पुरुष भी होते प्रताड़ित

डॉ. प्रणेश, धनबाद : प्रताड़ित महिलाएं ही नहीं पुरुष भी होते हैं। इस सोच के साथ 'सेव इंडियन फैमिली' संस्था पुरुषों के अधिकारों के लिए पूरे देश में लड़ाई लड़ रही है। संस्था ने इसके लिए देशभर में 84 काउंसलरों की नियुक्ति की है जो महिलाओं द्वारा फर्जी मामलों में फंसाए गए पुरुषों को उचित कानूनी सलाह व संघर्ष करने का हौसला देते हैं। इन काउंसलरों में एक प्रदीप कुमार विद्यार्थी भी हैं। वह तीन साल से संस्था से जुड़े हैं। प्रदीप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लाइफ में बीमा सलाहकार थे। 2012 में उनकी शादी हुई। प्रदीप के परिवार में सास-ससुर का हस्तक्षेप बढ़ने लगा। अप्रैल 2016 में प्रदीप और उनकी मा पर पत्‍‌नी ने दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया। इससे विचलित होकर उन्होंने आत्महत्या का मन बना लिया था। इसी बीच इंटरनेट पर 'सेव इंडियन फैमिली' संस्था का नंबर मिला। फोन पर लखनऊ के वाइपी सिंह व डॉ. इंदु सुभाष से बात हुई। दोनों ने संघर्ष में साथ देने का वायदा किया। अगस्त 2016 में उन्हें हैदराबाद में संस्था की नेशनल मीट में बुलाया गया। यहा महिलाओं से प्रताड़ित सैकड़ों लोगों से मुलाकात हुई। इसके बाद वह भी महिलाओं से प्रताड़ित पुरुषों की लड़ाई में शामिल हो गए।

loksabha election banner

गोड्डा से शुरू हुई साप्ताहिक बैठक: झारखंड के गोड्डा निवासी प्रदीप ने न्याय दिलाने के लिए महिलाओं से प्रताड़ित पुरुषों की खोज शुरू की। इसके लिए गोड्डा में साप्ताहिक बैठक होने लगी। धीरे-धीरे संख्या बढ़ने लगी। यह बात प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारियों तक पहुंची। दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज होने पर तुरंत आरोपितों को गिरफ्तार करने पर संस्था ने प्रतिकार शुरू किया। परिणामस्वरूप कई लोगों को थाना से ही पुलिस को छोड़ना पड़ा। प्रदीप तत्कालीन एसपी संजीव कुमार से मिले और कानून का दुरुपयोग रोकने का अनुरोध किया। असर ये हुआ कि कई वारंटियों की गिरफ्तारी रुक गई। इसी बीच 27 जुलाई 2017 को राजेश शर्मा बनाम स्टेट ऑफ यूपी के मामले में सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला आया जिसमें धारा 498 (दहेज प्रताड़ना) में गिरफ्तारी से पूर्व कुछ महत्वपूर्ण मानदंडों का पालन करने को कहा गया। इससे संस्था के आदोलन को बल मिला।

नियुक्त हुए काउंसलर: प्रदीप की सक्रियता को देखते हुए संस्था ने पिछले वर्ष उन्हें अपना काउंसलर नियुक्त किया। वह झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के आठ काउंसलरों में एक हैं। रोज प्रताड़ित पुरुषों के 20-25 कॉल आते हैं। पिछले साल अगस्त में दो दिवसीय दौरे पर गोड्डा आए मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलकर संस्था के सदस्यों ने पुरुष आयोग की माग की। मुख्यमंत्री ने विचार करने का भरोसा दिया।

सरकारी आकड़ों के अनुसार दहेज के 98 फीसद व दुष्कर्म के 73 फीसद मामले फर्जी निकल रहे हैं। फर्जी मुकदमों के कारण रोज 175 विवाहित पुरुष आत्महत्या कर रहे हैं। महिलाओं को पहली नजर में ही पीड़ित मान लिया जाता है। इसे रोकना जरूरी है। संस्था की मुहिम अब रंग ला रही है।

प्रदीप कुमार विद्यार्थी, सेव इंडियन फैमिली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.