पांच घंटे तक एसएनएमएमसीएच में बाधित रही चिकित्सकीय सेवा, मरीज परेशान
एसएनएमएमसीएच में आउटसोर्सिग पर कार्यरत नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों ने वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को जमकर हंगामा किया। कर्मियों ने अस्पताल प्रबंधन और फ्रंटलाइन एजेंसी पर कर्मियों के शोषण का आरोप लगाया। सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों ने कामकाज बाधित कर दिया। इससे मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जागरण संवाददाता, धनबाद : एसएनएमएमसीएच में आउटसोर्सिग पर कार्यरत नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों ने वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को जमकर हंगामा किया। कर्मियों ने अस्पताल प्रबंधन और फ्रंटलाइन एजेंसी पर कर्मियों के शोषण का आरोप लगाया। सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों ने कामकाज बाधित कर दिया। इससे मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जानकारी मिलने के बाद अधीक्षक डा. अरुण कुमार वर्णवाल ने आक्रोशित नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों से मुलाकात की व जल्द वेतन भुगतान करने का आश्वासन दिया। दूसरी ओर कैथ लैब में कार्यरत 41 नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों ने उपायुक्त संदीप सिंह से मिलकर समय पर वेतन देने की गुहार लगाई। सुबह नौ बजे से एक बजे तक बाधित रही सेवाएं
अस्पताल में सुबह नौ बजे से एक बजे तक चिकित्सकीय सेवाएं बाधित रही। आउटडोर और इंडोर में काम करने वाली नर्स व पारा मेडिकल कर्मियों ने काम नहीं किया। सभी वेतन की मांग को लेकर विरोध करते रहे। सबसे ज्यादा परेशानी स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में आने वाले मरीजों को उठानी पड़ी। बाद में मरीजों ने भी कुछ देर तक हंगामा किया। समय पर एजेंसी नहीं देता है वेतन
नर्सों और पारा मेडिकल कर्मियों ने बताया कि फ्रंटलाइन एजेंसी के तहत यहां आउटसोर्सिंग पर 500 से ज्यादा कर्मी कार्यरत हैं। लेकिन किसी भी कर्मचारी को समय पर वेतन नहीं मिलता है। दो महीने पर एक महीने का वेतन दिया जाता है। मेडिकल कालेज में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मी और कैथ लैब में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मी को विगत चार महीने से वेतन नहीं मिला है। वेतन नहीं मिलने की वजह से कर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 41 नर्स और स्वास्थ्य कर्मी सबसे ज्यादा परेशान
कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कैथ लैब व पीजी ब्लाक 41 नर्स और पारा मेडिकल कर्मी को रखा गया था। इन्हें पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है। जब कर्मियों ने फ्रंटलाइन एजेंसी के प्रतिनिधि से मुलाकात की, तो उन्होंने वेतन देने से इनकार कर दिया। एजेंसी के कर्मियों ने बताया कि उनका वेतन डीएमएफटी फंड से जिला प्रशासन करेगा। इसके बाद नर्स और स्वास्थ्य कर्मी उपायुक्त से जाकर मिले। यहां जल्द वेतन देने के लिए अधीक्षक को निर्देशित किया गया है।