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केरल की तर्ज पर झारखंड के मेयर भी चाहते अधिकार, CS से मिले चंद्रशेखर अग्रवाल Dhanbad News

केरल में मेयर ही नगर आयुक्त और उप नगर आयुक्त का सीआर लिखते हैं। साथ ही नगर निगम बोर्ड को असीमित वित्तीय अधिकार प्राप्त है। मेयर नगर आयुक्त को बर्खास्त भी कर सकते हैं।

By mritunjayEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 04:22 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 04:22 PM (IST)
केरल की तर्ज पर झारखंड के मेयर भी चाहते अधिकार, CS से मिले चंद्रशेखर अग्रवाल Dhanbad News
केरल की तर्ज पर झारखंड के मेयर भी चाहते अधिकार, CS से मिले चंद्रशेखर अग्रवाल Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। देशभर के नगर निगमों में एक ही नियम लागू करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। अखिल भारतीय महापाैर परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर एक देश, एक निगम और एक नियम की व्यवस्था कायम करने की मांग करने का निर्णय लिया है। इससे पहले धनबाद नगर निगम के महापाैर चंद्रशेखर अग्रवाल ने झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी और नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह से मिलकर नगर निगम और मेयर के अधिकारों में वृद्धि की वकालत की है। साथ ही केरल की तर्ज पर झारखंड में भी नगर निगम और मेयर को अधिकार देने की मांग की है।

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27 और 28 जुलाई 2019 को यूपी के आगरा में अखिल भारतीय महापौर परिषद के 50 वें अधिवेशन का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के 85 मेयरों ने हिस्सा लिया जिसमें धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल भी उपस्थित थे। अधिवेशन में देशभर के निगमों और मेयर के अधिकार पर व्यापक चर्चा हुई। सबसे खास और प्रभावी रहा केरल के नगर निगमों और मेयरों के अधिकार और कार्य पर चर्चा। अधिवेशन में उपस्थित यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य आश्वस्त किया कि केरल की तरह यूपी के नगर निगमों को भी अधिकार दिए जाएंगे।

धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने बताया कि केरल में मेयर ही नगर आयुक्त और उप नगर आयुक्त का सीआर लिखते हैं। साथ ही नगर निगम बोर्ड को असीमित वित्तीय अधिकार प्राप्त है। झारखंड में नगर निगम को पांच करोड़ तक की योजनाओं को पारित करने का अधिकार प्राप्त है। जबकि केरल में असीमित अधिकार है। अग्रवाल ने झारखंड के मुख्य सचिव और नगर विकास सचिव से मिलकर केरल की तरह ही मेयर को नगर आयुक्त और उप नगर आयुक्त का सीआर लिखने का अधिकार मांगा है। साथ ही नगर निगम के वित्तीय अधिकार में भी वृद्धि की वकालत की है। उन्होंने बताया कि केरल में मेयर नगर आयुक्त को बर्खास्त भी कर सकते हैं। मेयर और नगर निगम के अधिकार में वृद्धि होने से कार्य संस्कृति सुधरेगी। विकास कार्य तेजी से होंगे। नगर निगम में काम करने वाले अधिकारियों की मनमानी समाप्त होगी।

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