Coronavirus Alert: सावधान ! इस लापरवाही से हो सकता कोरोना वायरस का विस्फोट Dhanbad News
सदर अस्पताल के दो लैब तकनीशियन भी संदिग्धों की जांच करते करते कोरोना से संक्रमित हो गए। इससे अस्पताल में हड़कंप मचा है। डॉक्टर और कर्मी अपनी जांच और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
धनबाद [ मोहन गोप ]। कोयलांचल के चिकित्सा संस्थान अभी कोरोना से लड़ रहे हैं। संक्रमितों की पहचान और उनके बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग हर बेहतर प्रबंध कर रहा है। लेकिन, कुछ मोर्चे पर ऐसी लापरवाहियां भी दिख रही हैं जो बड़े खतरे का कारण बन सकती है।
अब देखिए, सदर अस्पताल के दो लैब तकनीशियन भी संदिग्धों की जांच करते करते कोरोना से संक्रमित हो गए। इससे अस्पताल में हड़कंप मचा है। डॉक्टर और कर्मी अपनी जांच और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ इसी अस्पताल में पीपीई किट के निस्तारण में लापरवाही की जा रही है। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टरों और कर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जानेवाले पीपीई किट को अस्पताल परिसर में जहां-तहां खोल कर रख दिया जा रहा है। इंसिनरेटर में निस्तारण की जगह उन्हें अस्पताल के बाहर ही खुले में जलाया भी जा रहा है। स्वाब जांच करने वाला पॉलीप्रोप्लीन (कलेक्टिंग) स्टिक भी खुले में फेंका जा रहा है। इससे संक्रमण फैलने की आशंका है।
जागरण की टीम ने जब सदर अस्पताल में पड़ताल की तो पाया कि जहां-तहां खुले में पीपीई किट, शूज कवर, हेड कवर और मास्क सहित स्वॉब टेस्टिंग स्टिक खुले में पड़े हैैं। खतरे से अनजान लोग उनपर चढ़कर गुजर रहे हैं। यहां लोग सैकड़ों लोग अपनी जांच कराने आते हैं। ऐसे में यह लापरवाही कितनी खतरनाक हो सकती है, समझा जा सकता है। यहां के सफाई कर्मी बताते हैं कि मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था यहां नहीं है।
पीएमसीएच में भी लापरवाही
संदिग्ध कोरोना मरीजों को पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है। गुरुवार को एक कर्मी आइसोलेशन वार्ड से निकलकर गेट के पास आता है और बगल में ही पीपीई किट खोल कर रख देता है। गेट के पास किट खुले में ही लगभग आधे घंटे तक पड़ा रहा। इस बीच वहां से तीन अन्य मरीज गुजरे। लगभग सवा पांच बजे अस्पताल का सफाईकर्मी पहुंचा। किट को उठाकर निस्तारण के लिए ले गया। चूंकि, अस्पताल में इंसिनरेटर नहीं है, लिहाजा उसे जलाना पड़ता है।
सिविल सर्जन डॉ गोपाल दास
- सवाल : अस्पताल के पीछे खुले में पीपीई किट फेंक दिया जा रहा है। इससे संक्रमण फैलने का डर है।
- जवाब : किट के डिस्पोजल के लिए भूली की एक एजेंसी से एमओयू किया गया है। खुले में फेंके जाने की सूचना नहीं है। ऐसा बात है तो कड़ाई की जाएगी।
- सवाल : सदर अस्पताल परिसर में ही कई जगह खुले में मास्क, शूज कवर आदि पड़े हैैं।
- जवाब : बाहर के आने वाले लोग ऐसा कर रहे हैं। लोगों से कई बार अपील की गयी है, कि अपने मास्क आदि जहां-तहां नहीं फेंके।
- सवाल : अस्पताल में स्वाब संग्रह में शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है।
- जवाब : क्षमता से अधिक लोग जांच के लिए आ रहे हैं। थोड़ी परेशानी हो रही है।
डिस्पोजल प्रोटोकॉल
कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होनेवाले पीपीई किट व अन्य सुरक्षा किट को आइसीएमआर की गाइड लाइन के अनुसार निस्तारण करना है। इसे गारवेज बैग में रख कर लगभग चार घंटे तक 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना होता है। इसके बाद इसे इंसिनरेटर में रख कर निस्तारण करना होता है। इसके बाद इसकी डिस्पोजल की प्रक्रिया पूरी होती है। हालांकि पीएमसीएच के लैब में इसका पालन हो रहा है लेकिन अस्पताल के वार्ड में खुले में किट जलाए या फेंके जा रहे हैैं।