Eco Tourism: मसानजोर में मिलेगा कश्मीर की वादियों का मजा, इकोटूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित होगा
30 लाख रूपये की लागत से एक योजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत 800 हेक्टेयर में डैम के इलाके को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। जल्द ही विभाग इसे सरकार को भेजेगा।
दुमका [आरसी सिन्हा ]। झारखंड की उपराजधानी में पर्यटक स्थल का सिरमाैर मसानजोर डैम है। यहां आते ही कलकल करती मयूराक्षी नदी का पानी आपको अपनी कहानी सुनाने को आतुर होती रहेगी। आप कभी उसमें अपनी आंखें डालकर देखिए। वह कुछ कहती नजर आएगी। दूर तक जहां आपकी नजर जाकर रूकेगी, अनवरत बहता पानी जीवन के सफर को आगे बढाऩे को प्रेरित करेगा।
मसानजोर डैम में साल के प्रारंभ और साल के अंत में बंगाल के अधिकतर पर्यटक आते हैं। ऐसे तारापीठ से लौटने वाले यात्री भी एक झलक इस डैम का लेना नहीं भूलते। वन विभाग पर्यटकों को सूर्योदय एवं सूर्यास्त का नजारा दिखाने का विशेष इंतजाम कर रहा है। वन विभाग अपने उस भूभाग को कश्मीर की घाटी का अहसास करना चाहता है। इसके लिए विभाग की ओर से योजना बनाकर सरकार को भेजने की तैयारी चल रही है।
योजना के तहत घाटी में फूलों का बगान बनाया जाएगा । जमीन से 275 मीटर की उंचाई पर बने वॉच टावर से पर्यटकों को सूर्योदय एवं सूर्यास्त का संसार दिखाने की एक योजना तैयार किया है। सरकार को 30 लाख का एक प्रोजेक्ट भेजा जा रहा है।
क्या है योजना
30 लाख रूपये की लागत से एक योजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत 800 हेक्टेयर में डैम के इलाके को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। जल्द ही विभाग इसे सरकार को भेजेगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसमें दो टावर 2013-14 में बने थे। लेकिन आज वह जीर्णशीर्ण हैं, उसका जीर्णोद्धार कर सौंदर्यीकरण किया जाएगा। एक टावर की उंचाई जमीन से 210 मीटर होगी जबकि दूसरे की उंचाई 275 मीटर होगी। जिस पर चढ़कर लोग पुरे डैम को देख सकेंगे। टावर तक पहुंचने के लिए सड़क का निर्माण कराया जाएगा। उसका पीसीसी या कालीकरण नहीं होगा। बल्कि गांव व पर्यटन का अहसास कराने के लिए पहुंच पथ का निर्माण होगा। इस रास्ते में गजीबो बनाया जाएगा। गजीबो यानि पीलर के उपर छतरीनुमा बैठने की जगह। पर्यटक यहां आकर कुछ पल गुजारेंगे। पर्यटकों के लिए एक कॉफी हाउस बनेगा। फूलों की घाटी बनायी जाएगी। पहाड़ से घिरे इस इलाके में फूलों की ऐसी घाटी बनायी जाएगी कि कश्मीर की याद आ जाएगी।
मसानजोर डैम को वन विभाग की ओर से इकोटूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जल्द ही स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा जाएगा।
-सौरभ चंद्रा, वनप्रमंडल पदाधिकारी दुमका