Salute to Martyr Kuldeep: हजारों ने दी साहिबगंज के वीर सपूत को अंतिम विदाई, सीना तान पिता ने किया सैल्यूट
कुलदीप उरांव साहिबगंज जिले के आजादनगर के रहनेवाले थे। वे सीआरपीएफ की क्विक एक्शन टीम के सदस्य थे। वे 2 जुलाई 2020 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मुठभेड़ में शहीद हुए थे।
साहिबगंज, जेएनएन। श्रीनगर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद कुलदीप उरांव का शव शनिवार सुबह करीब 8:50 बजे वायु सेना के हैलीकाप्टर से यहां लाया गया। हैलीकॉप्टर जैप नौ के ग्राउंड में उतरा जहां शहीद को सलामी दी गई तथा सीआरपीएफ रांची के आइजी राजकुमार, डीआइजी आशु शुक्ला, डीसी वरुण रंजन, एसपी अनुरंजन क्रिस्पोट्टा, विधायक अनंत ओझा के साथ-साथ शहर के गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद फूलों से सजे वाहन में शव को रखकर आजाद नगर स्थित उनके आवास पर लाया गया। यहां भी सीआरपीएफ जवानों द्वारा सलामी दी गई तथा मातमी धुन बजाया गया। परिजनों व आसपास के लोगों ने भी श्रद्धांजलि दी।
शवयात्रा शुरू हुई जो जिरवाबाड़ी ओपी, साक्षरता चौक, पंचगढ़ होते हुए पुन: जैप ग्राउंड पहुंची। यहां 12:35 में जैप ग्राउंड के बगल में स्थित शहीद की जमीन पर ही उन्हें राजकीय सम्मान के साथ संताली रीति-रिवाज से दफनाया गया। शहीद की मां गंगा देवी को भी यहीं पर दफनाया गया था। शहीद की शवयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। लोग शहीद कुलदीप उरांव अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा कुलदीप तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय आदि नारे लगा रहे थे। शवयात्रा पर जगह-जगह फूलों की बारिश की जा रही थी। सैकड़ों बाइक सवार इसमें शामिल थे। बीच-बीच में हल्की बारिश भी हो रही थी मानों सूर्य देव भी शहीद की मौत पर आंसू बहा रहे हों।
गौरतलब हो कि गुरुवार को श्रीनगर के मालबाग क्षेत्र में आतंकवादियों से मुठभेड़ में कुलदीप उरांव शहीद हो गए थे। कुलदीप उरांव साहिबगंज जिले के आजादनगर के रहनेवाले थे। वे सीआरपीएफ की क्विक एक्शन टीम के सदस्य थे। शहीद कुलदीप के पिता घनश्याम उरांव भी सीआरपीएफ 190 बटालियन से 2007 में रिटायर हुए थे। शहीद कुलदीप की पत्नी वंदना उरांव पश्चिम बंगाल पुलिस में सिपाही है। उनका बेटा यश उरांव मात्र नौ साल तो बेटी वैसी मात्र पांच साल की है।
अंतिम संस्कार के समय वह बड़ा ही भावुक क्षण था जब सेना की तरफ से सलामी दी जा रही थी। शहीद के पिता घनश्याम उरांव भी सीआरपीएफ में थे। उन्होंने आगे बढ़कर सावधान की मुद्रा में खड़े हुए। इसके बाद सीना तानकर बेटे को सैल्यूट किया।