लॉकडाउन की बढ़ती अवधि के कारण जवाब दे रहा दुकानदारों का धैर्य, शहर में कई दुकानें खुलीं Dhanbad News
खाद्यान्न व्यवसाई जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स का समर्थन कर रहे हैं। साथ ही ऑड-इवेन की तर्ज पर दुकान खोलने की मांग कर रहे हैं। ऐसा नहीं होगा तो सामूहिक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन की बढ़ती अवधि के कारण दुकानदारों का धैर्य जवाब दे रहा है। दुकानदारों ने मंगलवार को जिला प्रशासन से प्रतिष्ठान खोलने की मांग की। इसे लेकर दुकानदारों से जुड़े विभिन्न संगठनों ने भी अपनी आपत्ति दर्ज करायी है। आलम यह है कि पंखा, कूलर से लेकर मोटर पाट्स, लेथ, मैकेनिक तक की दुकानें खुल गई हैं। या ये कहें कि धनबाद के बाजार अपनी पुरानी रौनक में लौटने लगे हैं। शहर के बैंक मोड़, पुटकी, पुराना बाजार, पार्क मार्केट, स्टील गेट स्थित सर्विसिंग और निजी कार्यालय भी खोले गए हैं। इसके कारण बाजारों में भीड़ बढ़ गई।
वहीं, वासेपुर इलाके में फूटपाथ पर कपड़ा भी बेचा जा रहा है। हालांकि अन्य प्रकार की दुकानों के नहीं खोले जाने को लेकर चैंबर में नाराजगी देखी जा रही है। फेडरेशन ऑफ जिला चैंबर कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा कि अन्य राज्यों में 90 फीसद दुकानें खुल चुकी है। बच्चा जब रोता है तभी उसे दूध मिलता है। अब यहां के व्यापारियों को एकजुट होकर अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचानी होगी।
सामूहिक आंदोलन के लिए होंगे बाध्य : बैंक मोड़ चैंबर अध्यक्ष प्रभात सुरोलिया ने दुकान खोलने को लेकर राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से बातचीत की और वस्तुस्थिति से अवगत कराया। इसके साथ ही ऑड-इवेन की तर्ज पर दुकान खोलने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि दुकान न खोलने की नीति का वे विरोध करते हैं। दुकानदार प्रमोद गोयल ने कहा कि सभी व्यापारी मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने को तैयार हैं। खाद्यान्न व्यवसाई भी जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स का समर्थन कर रहे हैं। ऐसा नहीं होगा तो सामूहिक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
गोदामों में एक्सपारयरी हो रहा लाखों-करोड़ों का माल : धनबाद डिस्ट्रिक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन अध्यक्ष ललित जगनानी ने कहा कि अब व्यापारियों की इतनी परीक्षा क्यों ली जा रही है समझ से परे है। धनबाद में वितरक की स्थति दिवालिया होने को है। गोदामों में लाखों-करोड़ों का माल या तो एक्सपायरी हो रहा है या चूहे काट रहे हैं। सभी शहरों में एक समय सीमा में छूट दी जा रही है फिर धनबाद में क्यों नहीं?