Covid-19: संकट की घड़ी में मनमानी पर उतारू निजी अस्पताल, सर्दी-खासी के मरीजों का भी नहीं कर रहे इलाज
धनबाद में 270 निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग से सूचीबद्ध हैं। इसमें 33 बड़े निजी नर्सिंग होम हैं। इसके बाद कई छोटे अस्पताल व पॉली क्लीनिक हैं। छोटे क्लीनिक बंद हो गए हैं।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड सरकार ने निजी अस्पतालों को भी इलाज करने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद अस्पताल में आने वाले मरीजों को चलता कर दिया जा रहा है। चीनी वायरस कोरोना को लेकर कोयलांचल खौफजदा है। सरकारी अस्पतालों में जहां ओपीडी बंद कर दिया गया है। वहीं इसका असर निजी अस्पतालों में दिख रहा है। 20 फीसद निजी अस्पताल बंद हैं। इन अस्पतालों में एक ओर डॉक्टर नहीं आ रहे हैं, तो दूसरी ओर सामान्य मरीज भी नहीं जा रहे हैं। आलम यह है कि इन अस्पतालों में अब नाममात्र का इलाज हो रहा है।
धनबाद में 270 निजी अस्पताल
धनबाद में 270 निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग से सूचीबद्ध हैं। इसमें 33 बड़े निजी नर्सिंग होम हैं। इसके बाद कई छोटे अस्पताल व पॉली क्लीनिक हैं। छोटे क्लीनिक बंद हो गए हैं। इन अस्पतालों में आने-वाले गंभीर मरीजों को पीएमसीएच या सदर अस्पताल भेजा जा रहा है।
सर्दी-खांसी के मरीज ना बाबा ना
सबसे ज्यादा परेशानी सामान्य वायरल फीवर के मरीजों को हो रही है। सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों को देखने से अस्पताल हाथ खड़े कर दे रहे हैं। अस्पताल ऐसे किसी भी मरीज की जांच करने से परहेज कर रहे हैं। बड़े अस्पताल भी अब ऐसे मरीजों को इलाज नहीं कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना को लेकर दिए हैं कड़े निर्देश
दरअसल, कोरोना वायरस के असर के देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम आदि को ऐसे हर मरीजों की सूची देने का निर्देश दिया है, जो सर्दी-खांसी या बुखार से पीडि़त है। यदि कोई अस्पताल इसे छुपाता है, तो ऐसे अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब इसे देखते हुए संचालक निजी अस्पताल ही बंद कर ले रहे हैं।
यह है झारखंडं सरकार का दिशा-निर्देश
राज्य के चिह्नित निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों का इलाज हो सकता है। राज्य सरकार आने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए इसकी भी तैयारी कर रही है। इसे लेकर राज्य सरकार निजी अस्पतालों के साथ लगातार संपर्क में है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य के सरकारी अस्पतालों में इतनी संख्या में वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है, जितनी आने वाले दिनों में जरूरत पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में उन निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों का इलाज हो सकता है, जहां इसकी उपलब्धता है।
सरकार इसी तरह निजी अस्पतालों में क्वारंटाइन सेंटर बनाने को लेकर भी विचार कर रही है। कई अस्पतालों को इसके लिए चिह्नित भी किया गया है। बता दें कि राज्य सरकार ने अबतक 567 आइसोलेशन बेड चिह्नित किए हैं। इनमें मेडिकल कॉलेजों में 96, जिला अस्पतालों में 200 तथा निजी अस्पतालों में 271 बेड चिह्नित किए गए हैं। राज्य सरकार ने कुल 1,469 क्वारंटाइन बेड भी बनाए हैं।