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मामा-भाई को बचाने को सूरज करता रहा जद्दोजहद, आज होगी दोनों की तलाश, बराकर नदी में स्नान के दौरान हादसा Dhanbad News

बताते हैं कि उन्हें बराकर नदी में मैथन हाइडल द्वारा पानी छोड़ने की जानकारी नहीं थी। वहां किसी प्रकार का सुरक्षा घेरा भी नहीं था।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 10:21 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 11:13 AM (IST)
मामा-भाई को बचाने को सूरज करता रहा जद्दोजहद, आज होगी दोनों की तलाश, बराकर नदी में स्नान के दौरान हादसा Dhanbad News
मामा-भाई को बचाने को सूरज करता रहा जद्दोजहद, आज होगी दोनों की तलाश, बराकर नदी में स्नान के दौरान हादसा Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। शहर के प्रोफेसर कॉलोनी में रहनेवाले राजू कुमार दास व उसके 12 वर्षीय भांजे बरमसिया निवासी राजू कुमार उर्फ चंदन के बराकर नदी में डूबने की खबर से बरमसिया और हीरापुर में लोग सदमें में हैं। घटना के बाद दोनों का पूरा परिवार बराकर चला गया है। भांजे राजू के आवास बरमसिया में ताला लगा हुआ है।

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बरमसिया के प्रदीप दास की पत्नी ज्ञानती देवी अपने बड़े पुत्र सूरज कुमार दास और छोटा पुत्र राजू को लेकर अपने भाई राजू कुमार दास के साथ काॢतक पूॢणमा में स्नान करने ट्रेन से बराकर गई थीं। साथ में भाई राजू की पत्नी, मां व दो बच्चे भी थे। ज्ञानती अपने घर से अपने दो पुत्र को लेकर पहले अपने भाई राजू के घर हीरापुर पहुंची। इसके बाद सभी वहां से बराकर चले गये। जहां राजू कुमार दास व भांजा राजू स्नान के दौरान डूब गए।

दोनों के डूबने की खबर ज्ञानती के बड़े पुत्र सूरज ने दूरभाष पर अपने परिजनों को दी। इसके बाद उसके पिता प्रदीप दास अन्य परिजन के साथ बराकर के लिए रवाना हो गए। घटना के बाद सूरज ही मामा राजू के दोनों बच्चों को लेकर हीरापुर पहुंचा। देर रात तक परिजन बराकर नदी के पास दोनो के निकलने का इंतजार कर रहे थे।

सूरज ने बताया कि स्नान करने के दौरान मामा राजू कुमार दास व भाई राजू दोनों डूबने लगे। हमने बचाने का काफी प्रयास किया। दोनों को खींचकर कुछ दूर तक किनारे भी लाया, लेकिन इसके बाद स्वयं असंतुलित होने लगा। फिर दोबारा बचाने का प्रयास किया। तब तक दोनों नदी के पानी में डूब गए थे। जिस वक्त मामा और भाई डूब रहे थे, स्थानीय कई लोगों ने भी पानी में उतारकर दोनों को काफी खोजने का प्रयास किया, लेकिन दोनों नहीं मिले। उसके बाद चिरकुंडा व कुल्टी पुलिस ने अपने अपने क्षेत्र के गोताखोरों को सूचना दिया।

संसाधन की कमी के कारण लौट गए मैथन डैम के गोताखोर

वहीं मैथन डैम के कुछ गोताखोर पहुंचे, लेकिन उसके पास संसाधन की कमी के कारण वे लोग लौट गए। बाद में कुल्टी पुलिस की सूचना पर करीब ६ घंटे के बाद 7 बटालियन गोताखोर एवं सिविल डिफेंस आसनसोल मनोरंजन बाउरी के नेतृत्व में पहुंचे और आने के एक घंटे बाद नदी में उतरे। लेकिन देर शाम तक गोताखोरों को सफलता नहीं मिली। बाद में अंधेरा होने के कारण सभी लौट गए।

परिवार में पसरा मातम

भांजे राजू के पिता प्रदीप की बरमसिया पुल के पास कबाड़ की दुकान है। प्रदीप अपनी पत्नी ज्ञानती देवी, बड़ा पुत्र सूरज, मंझले पुत्र दीपक व छोटे पुत्र राजू के साथ बरमसिया में रहते हैं। वहीं प्रोफेसर कॉलोनी के राजू कुमार दास अपनी पत्नी, मां और दो बच्चों के साथ रहते है। राजू कुमार दास प्राइवेट स्कूल का चालक है। हीरापुर में ही राजू कुमार दास के बड़े भाई अशोक दास व मंझले भाई किशोर दास भी रहते हैं। घर में मातम पसरा है।


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