बच्चों को जिज्ञासु बनाएं और करें उसका समाधान
धनबाद : छात्रों की रुचि का ध्यान रखें, उन्हें जिज्ञासु बनाएं एवं उनकी जिज्ञासा का समाधान करें। प
धनबाद : छात्रों की रुचि का ध्यान रखें, उन्हें जिज्ञासु बनाएं एवं उनकी जिज्ञासा का समाधान करें। प्रश्नोत्तर विधि से उनमें खोजी प्रवृति विकसित करें। शिक्षक विद्यार्थियों को समझाने में प्रयोगात्मक विधि अपनाएं। ये बातें विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री शिव कुमार ने कहीं। वे राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक वर्ग के एक-एक बच्चे तक अपनी पहुंच बनाएं। उदाहरण के जरिए उन्हें ज्ञात से अज्ञात की ओर ले जाएं, तभी बच्चे आपकी पढ़ाई से संतुष्ट हो सकेंगे। जेसीइआरटी के झारखंड को-ऑर्डिनेटर डॉ. देवनंदन ने भी शिक्षक-शिक्षिकाओं से कहा कि समय समय पर बच्चों की समीक्षा करनी चाहिए, उन्हें ज्ञानार्जन का सुगम एवं सुबोध मार्ग दिखलाना चाहिए, ताकि छात्र अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें। दूसरे दिन दिन भर में चार सत्र लिए गए। इन सत्रों में जिले के महाविद्यालयों के प्रो. एसबी ढाल, अजीत कुमार, एसके अग्रवाल, दिलीप गिरी, बी.कुमार, एसकेएल दास विषय विशेषज्ञ के रूप में पहुंचे। सभी ने शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। कार्यशाला का समापन रविवार को होगा। इसके पूर्व तीन दिनों तक चले कार्यशाला की समीक्षा भी की जाएगी।
रंगारंग कार्यक्रम ने मोहा मन
कार्यक्रम में बीच में छात्रों रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति की। कार्यक्रम की प्रस्तुति का नेतृत्व संगीत शिक्षक पंकज कुमार दुबे, प्रभाकर तिवारी, शिक्षिका कादम्बरी एवं सुष्मिता कौर ने किया। बच्चों ने चाणक्य की प्रतिज्ञा का मंचन किया। साथ ही साथ मेरी जान जाए वतन के लिए समूह गीत की प्रस्तुति दी। आर्केस्ट्रा की प्रस्तुति ने मन मोह लिया। नृत्य की प्रस्तुति नंदिनी, आदित्य गुरू, मनीषा, अक्षिता, स्नेहा सरकार, गार्गी, नैंसी, प्रेरणा, काजल, स्नेहा, अनामिका ने की।