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36 घंटे बाद भी नहीं मिला बराकर नदी में डूबे मामा-भांजा का शव

मैथन/चिरकुंडा चिरकुंडा थाना क्षेत्र के बराकर रेलवे पुल के नीचे बराकर नदी में काíतक पूíणमा के अवसर पर स्नान करने पहुंचे धनबाद के बरमसिया व प्रोफेसर कॉलोनी चिरोगोड़ा निवासी मामा-भांजा के नदी में डूबने के मामले में 36 घंटे से अधिक बीतने के बाद भी दोनों का शव बरामद नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 03:33 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:16 AM (IST)
36 घंटे बाद भी नहीं मिला बराकर नदी में डूबे मामा-भांजा का शव
36 घंटे बाद भी नहीं मिला बराकर नदी में डूबे मामा-भांजा का शव

मैथन/चिरकुंडा : चिरकुंडा थाना क्षेत्र के बराकर रेलवे पुल के नीचे बराकर नदी में काíतक पूíणमा के अवसर पर स्नान करने पहुंचे धनबाद के बरमसिया व प्रोफेसर कॉलोनी चिरोगोड़ा निवासी मामा-भांजा के नदी में डूबने के मामले में 36 घंटे से अधिक बीतने के बाद भी दोनों का शव बरामद नहीं हो पाया है। वहीं आसनसोल की आपातकालीन टीम के सदस्यों ने मोटर बोट से शव को खोजने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

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इस मामले में पं. बंगाल पुलिस तथा नगर निगम के पदाधिकारियों ने अपने स्तर पर काफी कोशिश की, लेकिन घटना चिरकुंडा थाना क्षेत्र में होने के बावजूद चिरकुंडा पुलिस पूरे दिन झांकने तक नहीं पहुंची।

वहीं मृतक के परिजनों ने महिला सदस्यों को वापस अपने घर भेज दिया गया। वहीं उनके भाई सुरेश दास अपने साथियों के साथ नदी के तट पर मौजूद थे। आसनसोल नगर निगम के जल प्रभार प्रभारी शशि भूषण राय ने भी घटना स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि आसनसोल नगर निगम के मेयर जितेंद्र तिवारी इस मामले को लेकर काफी संवेदनशील है। उनके आदेश पर आपातकालीन टीम मामा भांजा के शव को खोजने में लगातार प्रयास कर रही है। बुधवार की दोपहर 12 बजे आसनसोल की आपातकालीन टीम मोटर बोट लेकर पानी में उतरी, लेकिन शाम पांच बजे तक सफलता नहीं मिली। वहीं परिजन बार-बार टीम के सदस्यों पर खोजने के लिए दबाब बना रहे थे। लेकिन टीम के सदस्यों का कहना था कि नदी में पानी छोड़े जाने के कारण पानी में करंट अधिक होने के कारण परेशानी हो रही है। वहीं कुछ देर पहले ही मैथन डैम से कांटा मारकर देखने वाले दो युवकों को बुलाया गया। जिन्होंने भी अपने स्तर से प्रयास किया। इस दौरान लोगों की भीड़ लगी रही। घटनास्थल पर आसनसोल नगर निगम के वार्ड संख्या 68 के पार्षद प्रतिनिधि अभिषेक सिंह, पूर्व पार्षद पप्पू सिंह, बराकर फाड़ी के एएसआई टीएच खान भी मौजूद थे। वहीं मृतक मामा के बड़े भाई सुरेश सुबह धनबाद से अपने दस पंद्रह साथियों के साथ मौजूद थे। स्थानीय युवक रिकू खान, गुड्डू खान, संतोष यादव, मिंकू मंडल, उदय घटना के दिन से ही डूबे मामा भांजा को खोजने में लगे हुए हैं।

अफवाहों से लोग परेशान रहे : टीम के सदस्यों द्वारा लगातार खोजबीन करने के दौरान दिन के करीब एक बजे पुल के दूसरे छोर पर शव मिलने का अचानक किसी ने हल्ला कर दिया। हल्ला सुनते ही टीम के सदस्य तथा वहां उपस्थित लोग शव देखने दौड़ पड़े। तभी शाम के करीब छह बजे अफवाह उड़ा कि दोनों व्यक्ति का शव बंगाल के सकतोड़िया में पाया गया। खबर मिलते ही स्थानीय लोग व बंगाल पुलिस की हलचल बढ़ गई। लेकिन जब वहां के स्थानीय प्रशासन से पूछने पर पता चला कि किसी ने गलत अफवाह फैला दी है।


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