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या देवी सर्वेभूतेषु... लगातार बारिश पर भक्तों का उत्साह भारी, आज हो रही माता ब्रह्मचारिणी की अराधना Dhanbad News

शक्ति मंदिर में माता रानी को फलाहारी प्रसाद का भोग चढ़ाया गया। सौ किलो से तैयार खीर का प्रसाद भक्तों के बीच बांटा गया। नवरात्र पर मंदिर में शाम की आरती का समय 6 बजे कर दिया गया है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 07:06 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 07:06 AM (IST)
या देवी सर्वेभूतेषु... लगातार बारिश पर भक्तों का उत्साह भारी, आज हो रही माता ब्रह्मचारिणी की अराधना Dhanbad News
या देवी सर्वेभूतेषु... लगातार बारिश पर भक्तों का उत्साह भारी, आज हो रही माता ब्रह्मचारिणी की अराधना Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। चक्रवाती तूफान के कारण हो रही लगातार बारिश के बाद भी मां दुर्गा के भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं है। हर कोई अपने-अपने तरह से नवरात्र में मां दुर्गा की अराधना में लगा हुआ है। सोमवार को नवरात्र का दूसरा दिन है। घर-घर में माता के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना हो रही है।

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माता की शक्ति के प्रति आस्था रखने वालों के लिए शहर के विनोद नगर स्थित त्रिमूर्ति मंदिर में तपस्या कर रही महिला प्रेरणा का स्रोत बन गई है। उसने शरीर पर पांच कलश स्थापित कर नाै दिनों का नवरात्र व्रत शुरू किया है। स्थानीय लोग महिला के जज्बे की प्रशंसा कर रहे हैं। इसे देखने के लिए लोग पहुंच रहे हैं।

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै-नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम: मंत्रों के जाप और कलश स्थापना के साथ रविवार को शारदीय नवरात्र का आगमन हो गया। इसके साथ ही शारदीय नवरात्रों की शुरुआत हो गई। सोमवार 7 अक्टूबर तक नवरात्र है। मंगलवार 8 अक्टूबर को विजयादशमी पड़ेगा। शारदीय नवरात्र की शुरुआत पर देवी दुर्गा हाथी पे सवार होकर पहुंची। जबकि यह मुर्गा पर गमन करते जाएंगी। भगवती का हाथी पर आगमन वृष्टिकारकï व समृद्घिप्रद माना गया है। मुर्गा पर प्रस्थान प्रतिकूल फलप्रद, विकलता व बाधाप्रद माना जाता हैै। नवरात्र के आगमन पर मंदिरों, पंडालों व घरों में कलश की स्थापना की गई। रविवार को रात 10:01 बजे तक प्रतिपदा तिथि थी, पर कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.36 से दिन 12.24 बजे तक था। अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना शुभ माना जाता है। शक्ति मंदिर, खड़ेश्वरी मंदिर, जोड़ाफाटक श्रीराम मंदिर, भुईफोड़ मंदिर, हाउसिंग कॉलोनी विंध्यवासिनी मंदिर में ब्राहमणों ने विधि विधान से कलश स्थापना कराई। नवरात्र पर  अखंड पाठ रखने वाले श्रद्धालुओं ने घरों में पंडितों के माध्यम से कलश स्थापन कराया। साथ ही माता रानी के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा की।

सौ किलो दूध से तैयार खीर बंटाः शक्ति मंदिर में माता रानी को फलाहारी प्रसाद का भोग चढ़ाया गया। सौ किलो से तैयार खीर का प्रसाद भक्तों के बीच बांटा गया। नवरात्र पर मंदिर में शाम की आरती का समय 6 बजे कर दिया गया है। पूजा को सफल बनाने में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एसपी सोंधी, सचिव अरुण भंडारी, उपाध्यक्ष राजीव सचेवा, एसएन प्रूथी, संयुक्त सचिव सुरेंद्र अरोड़ा, कोषाध्यक्ष विपिन अरोड़ा आदि लगे हुए हैं।


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