Move to Jagran APP

धनबाद शर्मसार! आम खिलाने का लालच देकर मासूम से दुराचार

यौनाचार के बाद मासूम को उल्टी होने लगी तो उसने माता को सारी बातें बताई। पंचायत बुलाई गई। पंचायत में किशोर ने दोष स्वीकार किया। माफी मांगी। वायदा किया कि दोबारा गलती नहीं करेगा।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 11:58 AM (IST)
धनबाद शर्मसार! आम खिलाने का लालच देकर मासूम से दुराचार
धनबाद शर्मसार! आम खिलाने का लालच देकर मासूम से दुराचार

महुदा, जेएनएन। तोड़ कर पेड़ का आम देने का लालच देकर भाटडीह ओपी में चार साल के मासूम के साथ यौनाचार किया गया है। यौनाचार करने वाले की उम्र 16 साल है। कानूनन वह भी नाबालिग।

prime article banner

यौनाचार के बाद मासूम को उल्टी होने लगी तो उसने माता को सारी बातें बताई। पंचायत बुलाई गई। पंचायत में किशोर ने दोष स्वीकार किया। माफी मांगी। वायदा किया कि दोबारा गलती नहीं करेगा। किशोर के माता पिता ने बच्चे के इलाज का खर्च वहन करने का वायदा किया। मासूम को इलाज के लिए महुदा के डाक्टर को दिखाया गया। दवा काम नहीं आया। मासूम की हालत और बिगड़ गई। बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। बालक की माता ने किशोर के परिजनों से इलाज का खर्च मांगा तो गाली गलौज करने के साथ मारपीट की गई। इसके बाद मासूम के पिता ने भाटडीह ओपी में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

यह मामला 6 अप्रैल की दोपहर तीन बजे का है। चार साल के अबोध बालक को आम देने का प्रलोभन देकर 16 साल का किशोर अपने साथ ले गया। उधर झाड़ी में ले जाकर यौनाचार किया। हवस मिटाने के बाद कुछ आम तोड़ कर बालक को दिया और घर भेज दिया। समझाया कि जो हुआ उसके बारे में किसी को नहीं बताना। बालक की माता बकरी लाने गई थी तो दोनों को देखी थी। बालक खांस रहा था, उसे उल्टी होने लगी। मां पूछी तो सारी बातें बोल दिया। हो हल्ला मचा। 7 अप्रैल को पंचायत बैठाई गई। पंचायत के बाद बालक की हालत बिगड़ी और इलाज में दोषी किशोर के परिजनों ने सहयोग नहीं किया तो मामला पुलिस तक चला गया। मासूम के माता पिता आर्थिक तौर पर सबल नहीं है।

लिखित शिकायत मिली है। आरोप संगीन हैं। जांच के बाद विधि सम्मत काम होगा।  

-कामेश्वर राम, ओपी प्रभारी

पीडि़त और दोषी पक्ष को बुला कर पंचायत की गई थी। पंचनामा बना था। जो पंचनामा तोड़ा है, वह दोषी है।  -मुखिया, भाटडीह ओपी के तहत  

कानून विशेषज्ञ की रायः यह मामला संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल आफेंसेस एक्ट के तहत इस केस की सुनवाई होगी। आरोपित नाबालिग है तो किशोर न्यायालय अधिनियम के तहत सुनवायी होगी। एक्ट में नियम है कि बच्चे के साथ गलत कृत्य होने की बात कोई जानता है तो उसे इसकी रिपोर्ट नजदीकी थाना में देनी चाहिए। कोई ऐसा नहीं करता है, कृत्य को छिपाने या मिटाने की कोशिश करता है तो वह भी सजा का हकदार है। ऐसे मामले में पंचायत नहीं हो सकती।  

-समर श्रीवास्तव, वरीय अधिवक्ता,  धनबाद न्यायालय

मनो रोग विशेषज्ञ की रायः मासूम बालक, मृत शरीर या कपड़े के साथ सेक्स करने की कोशिश करने वाले मानसिक विकृति के शिकार होते हैं। ऐसे लोगों को जब मौका मिलता है, उनकी विकृति हावी हो जाती है। ऐसे लोग एक बार गलत काम किए हैं तो दोबारा जरुर करेंगे।ऐसे लोग कम बातचीत करते हैं, खुद को लोगों से दूर रखते हैं। दिखाएंगे कि वे सदैव काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित करना जरुरी है। समय पर ट्रीटमेंट के साथ काउंसलिंग जरुरी है।

-डा संजय कुमार, मनो रोग विशेषज्ञ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.