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Lunar Eclipse 2020: दस्तक दे रहा उपछाया चंद्रग्रहण, जानें कहां-कहां पड़ेगा प्रभाव

ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा पुथ्वी के ठीक पीछे उसकी छाया में आ जाता है वह चंद्रग्रहण कहलाता है। जब चंद्रमा पुथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है तो सूर्यग्रहण कहलाता है।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:45 AM (IST)
Lunar Eclipse 2020: दस्तक दे रहा उपछाया चंद्रग्रहण, जानें कहां-कहां पड़ेगा प्रभाव
Lunar Eclipse 2020: दस्तक दे रहा उपछाया चंद्रग्रहण, जानें कहां-कहां पड़ेगा प्रभाव

धनबाद [ जागरण स्पेशल ]। चाहे सूर्यग्रहण हो या चंद्रग्रहण खगोलीय घटना हमेशा से काैतूहल का विषय रहा है। आम और खास इस नजारे को देखने को माैका खोना नहीं चाहते हैं। खगोलशास्त्रियों को तो खगोलीय घटना का बेसब्री से इंतजार रहता है। वे इस खास माैके का अध्ययन और विश्लेषण करते हैं। इंतजार की घड़ी नजदीक आ चली है। साल 2020 में एक बार फिर ग्रहण लगने जा रहा है। 5 जुलाई, 2020 को चंद्रग्रहण। एक महीने के अंदर दूसरी बार चंद्रग्रहण लग रहा है। 5 जून, 2020 को भी चंद्रग्रहण लगा था। खगोलीय घटना की बात करें तो यह इस साल की चाैथी घटना होगी। 21 जून, 2020 को सूर्यग्रहण के बाद चंद्रग्रहण दस्तक दे रहा है। यह उप छाया चंद्रग्रहण होग 5 जुलाई के बाद 30 नवंबर, 2020 को भी चंद्रग्रहण लगेगा। यह इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण होगा। 

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अद्भुत संयोग में लग रहा यह चंद्रग्रहण

ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा पुथ्वी के ठीक पीछे उसकी छाया में आ जाता है वह चंद्रग्रहण कहलाता है। इसके इतर जब चंद्रमा पुथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है तो सूर्यग्रहण कहलाता है। 5 जुलाई को जो चंद्रग्रहण लग रहा है यह अपने आप में खास है। इसलिए कि 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा भी है। गुरु पूर्णिमा और चंद्रग्रहण साथ-साथ। यह अद्भुत संयोग है। यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण ( Penumbra Lunar Eclipse) है। जब पृथ्वी, सूरज और चांद के बीच आती है लेकिन तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते हैं तो उपछाया चंद्रग्रहण लगता है। ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर अंब्र (पृथ्वी के बीच के हिस्से में पड़ने वाली छाया) नहीं पड़ती है। चांद के शेष हिस्सों पर पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है, जिसे उपछाया कहा जाता है। 

भारत में नहीं दिखाई देगा उपछाया चंद्रग्रहण 

खगोलशास्त्रियों के अनुसार 5 जुलाई को जो चंद्रग्रहण लग रहा है वह धनबाद समेत पूरे भारत में नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक और अंटार्टिका में दिखाई देगा। इस ग्रहण का कुल समय करीब 3 घंटे का होगा। 5 जुलाई को सुबह 08: 37 पर शुरू होगा। इसका प्रभाव  09: 59 पर सबसे अधिक देखने को मिलेगा। इसके बाद 11:22 पर खत्म होगा। ज्योतिष विद्या के जानकार उपछाया चंद्रग्रहण को ग्रहण नहीं मानते हैं। इसलिए 5 जुलाई को लगने वाले चंद्रग्रहण में कोई सूतक काल नहीं होगा। वैसे भी भारत में चद्रग्रहण का प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा।

  • साल 2020 में लगने वाले चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण
  • पहला चंद्रग्रहण-10 जनवरी, 2020 को लगा। यह भारत में देखा गया।
  • दूसरा चंद्रग्रहण-5 जून को लगा। इस चंद्रग्रहण की दृश्यता भारत में रही।
  • तीसरा चंद्रग्रहण-5 जुलाई  को लगेगा। यह भारत में नहीं दिखाई देगा। 
  • चाैथा चंद्रग्रहण-30 नवंंबर को लगेगा। भारत में दिखाई देगा।
  • पहला सूर्यग्रहण-21 जून को लगा। यह भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया।
  • दूसरा सूर्यग्रहण-14 दिसंबर, 2020 को लगेगा। 

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