कोल इंडिया ने उत्पादन लक्ष्य में पिछड़ने का ठीकरा राज्यों की विधि व्यवस्था पर फोड़ा
महानदी कोल फील्ड लिमिटेड में दो दिवसीय हड़ताल से 20 मिलियन टन कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है। इसे कैसे पूरा किया जाए, इस पर विचार किया गया।
धनबाद, जेएनएन। राज्यों की वर्तमान विधि व्यवस्था के कारण कोयला उत्पादन पर असर पड़ रहा है। कोल इंडिया की कोयला उत्पादन करने वाली कंपनियों में आए दिन यह समस्याएं हो रही हैं। यह बातें सोमवार को कोलकाता कोल इंडिया मुख्यालय में सीएमडी मीट के दौरान समीक्षा बैठक में सामने आयी। बैठक की अध्यक्षता कोल इंडिया चेयरमैन अनिल कुमार झा ने की।
महानदी कोल फील्ड लिमिटेड में दो दिवसीय हड़ताल से 20 मिलियन टन कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है। इसे कैसे पूरा किया जाए, इस पर विचार किया गया। कोल इंडिया निदेशक तकनीक विनय दयाल ने फोन पर बताया कि कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य 610 मिलियन टन है। लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। मौजूदा समय में कोल इंडिया का ग्रोथ 6.7 फीसद सकारात्मक है। बीसीसीएल की स्थिति भी ठीक नहीं है। 42.5 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य का घटा कर 33 मिलियन टन किया गया है। कंपनी उस लक्ष्य को कैसे पूरा करे इसको लेकर भी मंथन किया गया।
बीसीसीएल को प्रतिदिन 1.35 लाख टन कोयला उत्पादन करने की आवश्यकता है, पर हो नहीं पा रहा है। चेयरमैन ने कहा कि उत्पादन लक्ष्य पूरा करने पर ही सारे सुविधाएं बहाल होंगी। नए प्रोजेक्ट पर भी ध्यान देना है, ताकि समय पर वहां काम शुरू हो सके। बैठक में सीसीएल व बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी गोपाल सिंह, डब्ल्यूसीएल व एमसीएल के प्रभारी सीएमडी आरआर मिश्रा, ईसीएल सीएमडी पीएस मिश्रा, एनसीएल सीएमडी पीके सिन्हा, एसईसीएल सीएमडी एके पांडा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
ग्रीन कोल तकनीक पर बैठक : दिल्ली में मंगलवार को ग्रीन कोल तकनीक पर बैठक बुलाई गई है। बैठक में संसदीय समिति के चेयरमैन, संसद सदस्य, कोयला मंत्रालय के अलावा कोल इंडिया के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।