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भर सावन स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भोले शंकर के भरोसे Dhanbad News

श्रावणी मेला देवघर में धनबाद के 21 चिकित्सकों की ड्यूटी लगायी गयी है। पहले चरण के लिए आठ चिकित्सक देवघर के लिए रवाना हो गये हैं। वहीं शेष 13 चिकित्सक दूसरे चरण के लिए रवाना होंगे।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 09:19 AM (IST)
भर सावन स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भोले शंकर के भरोसे Dhanbad News
भर सावन स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भोले शंकर के भरोसे Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। धनबाद कोयलांचल के सरकारी अस्पतालों में पहले से ही चिकित्सकों की भारी कमी है।125 स्वीकृत पदों की तुलना में 63 डॉक्टर कार्यरत हैं। ऐसे में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक साप्ताहिक सेवा देते हैं। अब श्रावणी मेला के मद्देनजर धनबाद के 21 चिकित्सकों की ड्यूटी एक महीने के लिए देवघर जिले में लगा दी गई है। इससे धनबाद की चिकित्सा व्यवस्था का चरमराना लाजिमी है। अब भर सावन यहां की चिकित्सा व्यवस्था भगवान भोले शंकर के भरोसे ही रहेगी।

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श्रावणी मेला देवघर में धनबाद के 21 चिकित्सकों की ड्यूटी लगायी गयी है। पहले चरण के लिए आठ चिकित्सक देवघर के लिए रवाना हो गये हैं। वहीं शेष 13 चिकित्सक दूसरे चरण के लिए रवाना होंगे। पहले चरण में चिकित्सकों के मेला में जाने के बाद कई केंद्र चिकित्सक विहीन हो गये हैं। हालांकि सिविल सर्जन वैकल्पिक के तौर यह पर दूसरे चिकित्सक को लगाने की कोशिश कर रहे हैं। चिकित्सकों की भारी कमी के कारण विभाग को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में 125 स्वीकृत पदों की तुलना में 63 डॉक्टर कार्यरत हैं। इसमें 21 की ड्यूटी श्रावणी मेले में लग गयी है। जिले में मात्र 42 डॉक्टर ही रह जायेंगे।

कई केंद्र हो जायेंगे प्रभारी विहीनः डॉक्टरों के जाने से सबसे ज्यादा प्रभावित तोपचांची, निरसा, टुंडी, गोविंदपुर प्रखंड केलोग हो रहे हैं। दूसरे चरण में डॉक्टरों के जाने से इस क्षेत्र के कई केंद्र बंद हो जायेंगे। धनबाद, टुंडी, बाघमारा, तोपचांची, निरसा प्रभारी विहीन हो जायेंगे। पहले चरण में 13 से 30 जुलाई तक सेवा देनी है। वहीं दूसरे चरण में एक से 15 अगस्त तक सेवा देनी है। तय समय पर सेवा नहीं देने वाले डॉक्टरों पर मुख्यालय ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

पैरवी भी हो रही बेकारः कुछ डॉक्टर श्रावणी मेले में ड्यूटी के लिए नहीं जाना चाह रहे हैं। इसके लिए चिकित्सक अपनी-अपनी जुगत में लग गये हैं। पैरवी कराने पर भी रांची (मुख्यालय) के अधिकारी सुन नहीं रहे हैं। वहीं कई डॉक्टर खुद से सेवा देने के लिए देवघर जा रहे हैं।

        जो डॉक्टर गये

  • डॉ विकास कुमार (तोपचांची पीएचसी)
  • डॉ राकेश भारती (एपीएचसी, तोपचांची)
  • डॉ नंदन कुमार (पीएचसी, जोड़ापोखर)
  • डॉ जलेश कुार (एपीएचसी, झरिया)
  • डॉ शंकर कुमार (एपीएचसी नगरकियारी)
  • डॉ आलोक विश्वकर्मा (पीएचसी धनबाद)
  • डॉ एसएस लाल (एपीएचसी, केंदुआडीह)
  • डॉ सुनील कुमार (सीएचसी, जोड़पोखर)
  • दूसरे चरण में जाने वाले डॉक्टर
  • डॉ रोहित गौतम (पीएचसी टुंडी)
  • डॉ मुकेश कुमार (पीएचसी, निरसा)
  • डॉ अमित कुमार पटेल (एपीएचसी, बेनागडिय़ा)
  • डॉ मनीष कुमार (पीएचसी, बाघमारा)
  • डॉ विजेंद्र कुमार (एपीएचसी, चितयारियो)
  • डॉ जयंत कुमार (पीएचसी, तोपचांची)
  • डॉ राज कुमार सोनी (एपीएचसी, मनियाडीह)
  • डॉ प्रसून कुमार सिंह (पीएचसी, बिराजपुर)
  • डॉ मंगेश कुमार (पीएचसी नगरकियारी)
  • डॉ अरविंद कुमार (एपीएचसी, तिलैया)
  • डॉ एसके गुप्ता (पीएचसी, तेतुलमारी)
  • डॉ दीपक कुमार सिन्हा (पीएचसी, सालूकचापड़ा)
  • डॉ संजय कुमार (सीएचसी, बाघमारा)

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