एयरपोर्ट सरीखे सुरक्षा बंदोबस्त की निकली हवा, स्कैनर के बावजूद प्लेटफॉर्म के अंदर शराब लेकर घुस रहे तस्कर Dhanbad News
धनबाद रेलवे स्टेशन की सुरक्षा एयरपोर्ट सरीखे करने के दावे की हवा निकल रही है। गेट पर लगेज स्कैनर होने के बाद भी तस्कर आसानी से ट्रैवलिंग बैग में शराब भरकर अंदर पहुंच जा रहे हैं।
धनबाद, (तापस बनर्जी)। 28 लाख के दो लगेज स्कैनर लगाकर धनबाद रेलवे स्टेशन की सुरक्षा एयरपोर्ट सरीखे करने के दावे की हवा निकल रही है। गेट पर लगेज स्कैनर लगे होने के बाद भी तस्कर आसानी से ट्रैवलिंग बैग में शराब भरकर अंदर पहुंच जा रहे हैं। पिछले एक महीने में शराब के साथ तस्करों के पकड़े जाने की दो घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब ट्रैवलिंग बैग में शराब पहुंच सकता है तो क्या दूसरी घातक वस्तुएं नहीं पहुंच सकती हैं।
कब-कब पकड़े गये शराब तस्कर
केस स्टडी एक - नौ नवंबर की रात धनबाद स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो से 80 बोतल शराब के साथ झरिया के कतरास मोड़ के रहने वाले जय कुमार साह को पकड़ा गया। वह गंगा-दामोदर एक्सप्रेस से बिहार शराब ले जाने की कोशिश में था।
केस स्टडी दो - दो दिसंबर को धनबाद स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो से ही 35 बोतल शराब के साथ कतरास के कलाली फाटक निवासी मदन सिंह को पकड़ा गया। वह भी गंगा-दामोदर एक्सप्रेस से ट्रैवलिंग बैग में शराब भरकर बिहार जाने की कोशिश कर रहा था।
क्यों मिल रही शराब
दरअसल, बिहार में शराबबंदी है। यही वजह है कि बिहार जानेवाली ट्रेनों में तस्कर शराब ले जाने की फिराक में रहते हैं। धनबाद से पटना के लिए गंगा-दामोदर एक्सप्रेस सीधी ट्रेन है, जो रात में खुलकर तड़के पहुंच जाती है। रात में चेकिंग का खतरा कम रहता है। यही वजह है कि यात्री बनकर शराब ले जाने की कोशिश करते हैं।
क्या कहते हैं आरपीएफ और जीआरपी इंस्पेक्टर
आरपीएफ इंस्पेक्टर अविनाश करोसिया ने कहा कि लगेज स्कैनर मशीन पूरी तरह काम कर रहा है। सामानों की जांच के लिए स्टाफ भी लगाए जाते हैं। अभी चुनाव ड्यूटी के कारण थोड़ी समस्या हो रही है। उसके बाद इसे ठीक कर लिया जाएगा। जहां तक कई द्वार खुले रहने का सवाल है, सभी यात्रियों की सुविधा के लिए है।
दक्षिणी छोर खुला होने के कारण आसानी से अंदर आ जाते हैं तस्कर
जीआरपी इंस्पेक्टर एचएन सिंह ने कहा कि लगेज स्कैनर जिस उद्देश्य से लगा है वह पूरा नहीं हो पा रहा है। खासकर दक्षिणी छोर चारों ओर से खुला है जिससे कोई भी आसानी से अंदर आ जाता है। प्रबंधन को चाहरदीवारी निर्माण के लिए कई बार लिखा गया है, बन जाए तो बेहतर होगा।