Move to Jagran APP

'लाल परी' छीन लेगी साहबों की राजसी ठाठ

अधिकारियों को आम यात्री की तरह एसी में सफर करना होगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 02:00 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 02:01 PM (IST)
'लाल परी' छीन लेगी साहबों की राजसी ठाठ
'लाल परी' छीन लेगी साहबों की राजसी ठाठ

धनबाद, तापस बनर्जी। रेलवे अपने दशकों पुराने पारंपरिक कोच बदलकर उन्हें एलएचबी कोच में बदल रही है। सुरक्षित सफर के साथ-साथ ऐसे कोच अन्य कई मायनों में भी खास हैं। पर यह बदलाव अधिकारियों को रास नहीं आनेवाला क्योंकि इससे उनकी राजसी ठाठ-बांठ छिन जाएगी। इसकी वजह यह है कि एलएचबी कोच में सैलून नहीं जुड़ सकेंगे।

loksabha election banner

जी हां, सैलून के उपयोग पर भले ही रेलवे मंत्रालय स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। पर रेल सप्ताह समारोह हो या फिर मुख्यालय में होनेवाली बैठक, अधिकारी सैलून की शाही सवारी ही पसंद करते हैं। इसमें उन्हें वह तमाम सुविधाएं मिलती हैं जो उनके बंग्ले में भी हैं। यानी आरामदायक बिस्तार से लेकर रसोई तक की सुविधा सैलून में उपलब्ध रहती है। पुराने पारंपरिक कोच के साथ चलने वाली किसी भी ट्रेन में सैलून आसानी से अटैच हो जाता है। पर एलएचबी कोच में सैलून नहीं जुड़ेंगे।

यात्री कोच में करना होगा सफर: पूर्व मध्य रेल मुख्यालय हाजीपुर तक सफर के लिए धनबाद से खुलने वाली गंगा-दामोदर एक्सप्रेस में सैलून जुड़ जाने से अधिकारी आराम से चैन की नींद लेकर पटना पहुंच जाते हैं। इसी तरह वापसी भी सैलून से होती है। पर अब गंगा-दामोदर को एलएचबी कोच से लैस करने की मंजूरी मिल चुकी है। इस ट्रेन से पारंपरिक कोच हटते ही सैलून नहीं जुड़ेगा और अधिकारियों को आम यात्रियों की तरह एसी में सफर करना होगा।

----------------

'एलएचबी कोच की बनावट पारंपरिक कोच से अलग हैं। उसके रैक में सैलून नहीं जोड़े जा सकते हैं।'

राजेश कुमार, सीपीआरओ

पूर्व मध्य रेल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.