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पानी की तरह बहाए तीन करोड़ रुपये, फिर भी नहीं खुला तेतुलमारी का कुष्ठ प्रशिक्षण केंद्र सह अस्पताल

एक ओर विभाग मरीजों के इलाज के लिए अभियान चला रहा है वहीं दूसरी ओर अस्पताल खुद मरहम-पट्टी की बाट जोह रहा है। अस्पताल को फिर से खोलने के लिए विधायक मथुरा प्रसाद महतो स्थानीय मुखिया संतोष महतो आदि लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 07:49 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 07:49 PM (IST)
पानी की तरह बहाए तीन करोड़ रुपये, फिर भी नहीं खुला तेतुलमारी का कुष्ठ प्रशिक्षण केंद्र सह अस्पताल
अब एक बार फिर लोग अस्पताल खोलने के लिए आंदोलन शुरू कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद: स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक से 14 जुलाई तक जिले में नए कुष्ठ मरीजों की घर-घर जाकर पहचान की जा रही है। जिनमें कुष्‍ठ रोग के लक्षण मिलेंगे, स्वास्थ्य विभाग उन मरीजों का इलाज शुरू करेगा। हालांक‍ि इसमें मजेदार यह है कि एक ओर कुष्‍ठ मरीजों की पहचान की जा रही है, वहीं दूसरी ओर इन मरीजों के इलाज के लिए बनाया गया तेतुलमारी कुष्‍ठ प्रशिक्षण केंद्र सह अस्पताल विभागीय लापरवाही की वजह से खंडहर में तब्‍दील होता जा रहा है। एक ओर विभाग मरीजों के इलाज के लिए अभियान चला रहा है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल खुद मरहम-पट्टी की बाट जोह रहा है। अस्पताल को फिर से खोलने के लिए विधायक मथुरा प्रसाद महतो, स्थानीय मुखिया के प्रतिनिधि संतोष महतो आदि लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन अबतक कोई पहल नहीं की जा सकी है। इसलिए अब एक बार फिर लोग अस्पताल खोलने के लिए आंदोलन शुरू कर रहे हैं।

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पांच करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत, फिर भी नहीं खुला अस्पताल

वर्ष 2005 में राज्य सरकार ने कुष्‍ठ अस्‍पताल को जनरल अस्पताल बनाने की घोषणा की। इसके लिए लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल भवन की मरम्मत कराई गई, लेकिन मरम्मत के बाद भी इसे जनरल अस्पताल में नहीं बदला जा सका। वर्ष 2014-15 में जिला प्रशासन ने कुष्ठ प्रशिक्षण केंद्र को जनरल अस्पताल में बदलकर चिकित्सकीय सुविधा शुरू करने की कोशिश की, लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से आजतक अस्पताल नहीं खुल पाया।

एक डॉक्टर, एक कर्मचारी के भरोसे अस्पताल

कुष्ठ अस्पताल में मरीजों के इलाज, दवा, भोजन आदि सभी प्रकार की सुविधा देने की घोषणा की गई, लेकिन एक कदम भी काम आगे नहीं बढ़ा। फिलहाल अस्पताल में डॉक्टर संतोष कुमार रजक और एक लैब टेक्नीशियन संतोष कुमार पदस्‍थापित हैं। एक कर्मचारी संजूत कुमार सहाय की पदस्‍थापना रांची मुख्‍यालय के आदेश पर कुष्‍ठ अस्‍पताल में की गई, लेकिन फिर वापस सिविल सर्जन कार्यालय में उसकी प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। वहीं, एक सफाई कर्मी चमटू महतो की देखरेख में पूरा भवन है। ऐसे में विभाग की ओर से महज नाम की ओपीडी चलाई जा रही है।

इस संबंध में छोटा नगरी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संतोष महतो ने कहा कि अस्पताल खोलने के लिए कई बार जिला प्रशासन से लेकर सिविल सर्जन तक गुहार लगाई गई है। अस्पताल खुलने से लगभग दो लाख से ज्यादा लोगों को राहत मिलती। एक बार फिर से जोरदार आंदोलन किया जाएगा।

वहीं जिले के उप विकास आयुक्‍त शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि अस्पताल के बारे में सिविल सर्जन से जानकारी ले रहा हूं। वहां चिकित्सक व कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अस्पताल खुले, इसकी कोशिश होगी।


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